नई दिल्ली: चीन के साथ जारी गतिरोध के दौरान किसी भी आपात स्थिति से निपटने के क्रम में भारत लगभग 1,350 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर अरुणाचल प्रदेश में कनेक्टिविटी को मजबूत करने और सीमा की निगरानी के लिए बड़े स्तर पर इन्फ्रास्ट्रक्चर और डेवलपमेंट कर रहा है.
बड़ी योजना के तहत अरुणाचल प्रदेश में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्रों में लगभग 20 पुलों, कई सुरंगों, एयरबेस और कई प्रमुख सड़कों का विकास किया जा रहा है. सड़क संगठन का ऐसे प्रोजेक्ट्स पर काम जारी है, जिसके बाद भारत की एलएसी तक पहुंच पूरी तरह से सुगम हो जाएगी.
राजमार्ग परियोजनाओं के काम पर 44,000 करोड़ रुपये खर्च
अरुणाचल प्रदेश में राजमार्ग परियोजनाओं के काम पर करीब 44,000 करोड़ रुपये की राशि खर्च की जाएगी. इसी क्रम में सियोम ब्रिज करीब 10 करोड़ की लागत से बना है. इसके अलावा अरुणाचल प्रदेश में अरुणाचल फ्रंटियर हाईवे का काम काफी तेजी से चल रहा है. इस परियोजना के पूरा होने से एलएसकी पूरी तरह से हाईवे से जुड़ जाएगा.
रक्षा मंत्री ने कई विकास परियोजनाओं का किया उद्घाटन
वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी अरुणाचल में मंगलवार को कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया. सड़क संगठन (BRO) द्वारा बनाए एक पुल का उद्घाटन करने के बाद कहा राजनाथ सिंह ने कहा, भारत के पास देश की सीमा पर विरोधियों की चुनौतियों को विफल करने की पूरी क्षमता है.
सिंह ने कहा कि भारत कभी भी युद्ध को बढ़ावा नहीं देता है और हमेशा अपने पड़ोसियों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखना चाहता है. सिंह ने कहा, भारत एक ऐसा देश है जो कभी भी युद्ध को बढ़ावा नहीं देता है और हमेशा अपने पड़ोसियों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखना चाहता है… यह हमें भगवान राम और भगवान बुद्ध की शिक्षाओं से विरासत में मिला है। हालांकि देश के पास उकसाने पर किसी भी तरह की स्थिति का सामना करने की क्षमता है. उन्होंने कहा, भारतीय सेना में सीमा पर किसी भी चुनौती का सामना करने की क्षमता है और वह किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है.
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