नई दिल्ली (New Delhi) । देश में 5जी की सेवाओं को उपभोक्ताओं तक पहुंचाने लिए दूरसंचार कंपनियों (telecommunication companies) में होड़ मची हुई है। हालांकि, दूरसंचार नियामक ट्राई इससे एक कदम आगे बढ़कर 5जी स्मार्टफोन (5g smartphone) को कम दाम पर उपभोक्ताओं को मुहैया कराने की संभावना पर विचार कर रहा है। ट्राई के अध्यक्ष पी.डी.वाघेला ने यह बात कही।
ट्राई के अध्यक्ष पी.डी. वाघेला (TRAI chairman P.D. Vaghela) ने भारतीय इंटरनेट एवं मोबाइल संघ द्वारा आयोजित इंडिया डिजिटल समिट के मौके पर कहा, भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण यह सुनिश्चित करने के लिए उपाय सुझाएगा कि 5जी हैंडसेट की ऊंची कीमतें डिजिटल कनेक्टिविटी और साक्षरता को प्रभावित न करें।
इरडा आने वाले महीनों में डिजिटल समावेशन से संबंधित मुद्दों को हल करने के लिए परामर्श पत्र लेकर आएगा। यह स्पष्ट नहीं है कि नियामक ग्रामीण क्षेत्रों के लिए यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड (universal service obligation fund) के माध्यम से किसी तरह के सब्सिडी मॉडल की सिफारिश करेगा या नहीं।
6 गीगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की जरूरत सीओएआई
सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने 6गीगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम को अलग रखने की वकालत की। 6गीगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम को 5जी के लिए बेहतर और संतुलित माना जाता है।
क्या है मौजूदा स्थिति
5जी फोन के शिपमेंट में वृद्धि हुई है, लेकिन इसकी ऊंची कीमत ग्राहकों के लिए एक चुनौती है। वर्तमान में, 5जी फोन का औसत बिक्री मूल्य लगभग 32 हजार रुपये है। विशेषज्ञों का कहना है कि 20 हजार से कम श्रेणी में 5जी फोन की उपलब्धता बढ़ाने की जरूरत है।
बढ़ रहा औसत दाम
काउंटरपॉइंट के मुताबिक, पांच वर्षों में फोन का औसत बिक्री मूल्य उपकरण लागत वृद्धि और अन्य कारणों से 20 फीसदी बढ़कर सात हजार से अधिक हो गया है। शुरुआती फोन की कीमत वर्ष 2018 में 5,991 रुपये थी, 2022 में बढ़कर 7,126 रुपये हो गई।