- न्यू जीडीसी कालेज के सामने 5 एकड़ जमीन आरक्षित
- शहरी क्षेत्र में खाली पड़ी जमीनों को नीलाम कर रहा प्रशासन, करोड़ों की आय का 25 प्रतिशत जाएगा शहरी विकास में
इन्दौर। गाडऱखेड़ी गांव में स्थित राजस्व विभाग की लगभग 8 एकड़ भूमि जहां पहले से ही मंडी कार्यालय बनाया गया है, उसके पास अब गरीबों को भी आवास मिल सकेंगे। 5 एकड़ की जमीन पर प्रधानमंत्री आवास योजना के फ्लैट बनाए जाएंगे। शहरी क्षेत्र में खाली पड़ी ऐसी जमीन, जिनका कोई भी उपयोग नहीं किया जा रहा है, उन्हें अब प्रशासन नीलाम करने की तैयारी कर रहा है। मध्य प्रदेश लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग की मदद से इंदौर जिला प्रशासन विभिन्न विभागों की राज्य सरकार के स्वामित्व वाली तीन संपत्तियों को बेचकर कम से कम 350 करोड़ रुपए राजस्व उत्पन्न करने की प्लानिंग कर रहा है। ये जमीन या तो खाली पड़ी हैं या उनका कोई उपयोग नहीं किया जा रहा है।
वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार मध्य प्रदेश सरकार के विभिन्न विभागों के स्वामित्व वाली तीन संपत्तियों को नीलामी के लिए एमपी लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग के पोर्टल पर सूचीबद्ध किया गया है। एडीएम पवन जैन ने कहा, इन संपत्तियों में किला मैदान रोड पर न्यू जीडीसी के सामने गाडऱाखेड़ी गांव में स्थित राजस्व विभाग की लगभग 8 एकड़ भूमि, पाटनीपुरा स्क्वायर के पास स्थित लगभग 3 लाख वर्गफुट भूमि और होटल एस्सेंटिया के पास पीपल्याहाना में स्थित लगभग एक एकड़ भूमि शामिल है। उन्होंने कहा कि नीलामी में रखी जाने वाली इन तीन संपत्तियों का अनुमानित राजस्व लगभग 350 करोड़ रुपए होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, इन तीनों संपत्तियों को पोर्टल पर सूचीबद्ध किया गया है, जबकि अगले एक सप्ताह में ऑनलाइन बोली आमंत्रित करके इनकी नीलामी की उम्मीद है।
आवास के साथ ही स्कूल भी बनेगा
एडीएम ने अनुसार दो जमीनें खाली पड़ी हैं, जबकि गाडराखेड़ी गांव में स्थित करीब 14 एकड़ जमीन में से करीब 5 एकड़ जमीन इंदौर नगर निगम को वहां स्थित सरकारी स्कूल के पुराने ढांचे को गिराने और विकसित करने के लिए दी जाएगी। जिस पर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत फ्लैटों के साथ-साथ स्कूल का नया भवन बनाया जाएगा। ज्ञात हो कि इस जमीन पर मंडी बोर्ड का एक भवन है, जो करीब पांच साल पहले करीब तीन करोड़ रुपए की लागत से बना था। इसे लक्ष्मी नगर अनाज मंडी के पास स्थानांतरित किए जाने की संभावना है। उन्होंने कहा कि बाकी आठ एकड़ जमीन की नीलामी की जाएगी। उन्होंने कहा, राज्य सरकार संपत्तियों की बिक्री से होने वाले राजस्व का 25 प्रतिशत एमपी लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग के पोर्टल के माध्यम से शहर के विकास के लिए देगी।
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