- पंजीयन के समय राजस्व डाटाबेस से किसानों के आधार नंबर का होगा मिलान
- खरीदी के लिए किसानों को 20 फरवरी तक कराना होगा पंजीयन
भोपाल। प्रदेश में 15 मार्च से चना, मसूर व सरसों की खरीदी शुरू होगी। गेहूं की खरीद इंदौर व उज्जैन संभाग में 22 मार्च और अन्य संभागों में 1 अप्रैल से की जाएगी। इसके लिए 4529 केंद्र बनाए गए हैं। सरकार ने गेहूं के लिए 1975 रुपए प्रति क्विंटल का समर्थन मूल्य तय किया है। रबी फसल की खरीदी के लिए पंजीयन के समय किसानों को आधार नंबर देना होगा। उसका राजस्व विभाग के डाटाबेस से मिलान किया जाएगा। सत्यापन के बाद ही उन्हें बिक्री की अनुमति होगी। जिन खसरों में आधार नंबर दर्ज नहीं हैं, उन किसानों का भी पंजीयन होगा। इस संबंध में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति के प्रमुख सचिव ने सभी कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं। सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर रबी फसल की खरीद के लिए तैयारी शुरू कर दी है। खरीदी के लिए किसानों को 20 फरवरी तक पंजीयन कराना होगा। पंजीयन के कुछ प्रकरणों में परेशानी सामने आ रही थी। इसमें देखा गया कि पंजीयन के समय दिए आधार नंबर और खसरों में दर्ज नंबर अलग-अलग हैं, जिसके कारण रजिस्ट्रेशन नहीं हो पा रहा। जिन किसानों के खसरों में आधार नंबर नहीं हैं, उनका भी पंजीयन नहीं हो रहा। खसरों में आधार नंबर दर्ज करने की कार्यवाही 2019 में की गई थी। इसके बाद जमीन बेचने, बंटवारे या अन्य कारणों से जमीन का मालिकाना हक बदलने से खसरों में अन्य के आधार नंबर दर्ज है, इससे परेशानी आ रही है। यह समस्याएं सामने आने के बाद पीएस फैज अहमद किदवई ने इस संबंध में निर्देश जारी किए। इसमें कहा गया है कि आधार नंबर जरूरी होगा, उसका रेवेन्यू रिकॉर्ड के डाटाबेस से मिलान किया जा सकेगा। यदि दोनों में अंतर पाया जाता है तो प्रकरण को सत्यापन के लिए जिलों में भेजा जाएगा।
खसरों में आधार नंबर दर्ज करने के निर्देश
पटवारियों को उन सभी खसरों में आधार नंबर दर्ज करने के निर्देश भी दिए गए हैं, जिनमें वह पहले से दर्ज नहीं हैं। जिन खसरों में पहले से आधार नंबर दर्ज नहीं हैं, उनका भी पंजीयन होगा और इसका प्रभाव बिक्री पर नहीं पड़ेगा। पीएस ने निर्देश दिए है कि ऐसी शिकायतें मिल रही हैं कि किसानों को पंजीयन के पहले आधार सत्यापन या आधार लिंक कराने के लिए बाध्य किया जा रहा है। विभाग ने ऐसी कोई बाध्यता नहीं लगाई है।
Share: