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मनी लॉन्ड्रिंग केस में राहुल गांधी के करीबी पर शक, क्राउड फंडिंग पर ED की सवाई से पूछताछ

नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने मनी लॉन्ड्रिंग (money laundering) के एक मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के करीबी सहयोगी अलंकार सवाई से पूछताछ की और उनका बयान दर्ज किया है. इस मामले में टीएमसी (TMC) प्रवक्ता साकेत गोखले को हाल ही में एजेंसी ने गुजरात में गिरफ्तार किया था.

सवाई से पूछताछ की गई और इस हफ्ते की शुरुआत में तीन दिन तक अहमदाबाद में गोखले से उनका आमना-सामना कराया गया. सवाई से पूछताछ की गई और धन शोधन रोकथाम कानून (PMLA) के प्रावधानों के तहत उनका बयान रिकॉर्ड किया गया. एक पूर्व बैंकर, सवाई को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का करीबी सहयोगी माना जाता है. बताया जाता है कि वे उनकी रिसर्च टीम का नेतृत्व करते हैं.

केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी ने टीएमसी के प्रवक्ता साकेत गोखले को 25 जनवरी को गिरफ्तार करने के बाद सवाई को तलब किया था. गोखले तब क्राउड फंडिंग प्लेटफॉर्म के जरिये पैसा जुटाने में कथित वित्तीय अनियमितताओं के सिलसिले में गुजरात पुलिस की हिरासत में था.

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उस दिन गोखले की रिमांड मांगते हुए अहमदाबाद की एक अदालत को बताया था कि जब गोखले से उनके बैंक खाते में एक साल में नकद में जमा कराए गए 23.54 लाख रुपये के बारे में पूछा गया था, तो उसने एजेंसी को बताया था कि यह रकम सोशल मीडिया कामकाज और अन्य सेवाओं के लिए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के करीबी अलंकार सवाई ने नकद दिया था.


ईडी के यह पूछे जाने पर कि सवाई ने उन्हें नकद पैसा क्यों किया, इस पर गोखले ने कहा कि केवल सवाई ही इस सवाल का जवाब दे सकते हैं. ईडी ने अपने रिमांड पेपर में अदालत को बताया कि सोशल मीडिया के काम के संबंध में अलंकार सवाई के साथ किसी भी लिखित समझौते के बारे में पूछे जाने पर गोखले ने कहा कि यह अलंकार सवाई के साथ केवल मौखिक समझौता था.

दोनों से पूछताछ और आमना-सामना कराने के बावजूद ईडी को फंड के बारे में पता लगाने में मदद नहीं मिली. गोखले के दावे के विपरीत सवाई ने कथित तौर पर किसी भी नकद भुगतान से इनकार किया. साकेत गोखले को गुजरात पुलिस ने पिछले साल दिसंबर में क्राउड फंडिंग के जरिये जमा धन के कथित दुरुपयोग के मामले में दिल्ली से गिरफ्तार किया था.

ईडी ने अहमदाबाद की अदालत को बताया था कि क्राउड फंडिंग के जरिये जुटाई गई बड़ी रकम को शेयर ट्रेडिंग, वाइनिंग, डाइनिंग और अन्य निजी मदों पर खर्च किया गया. गोखले ने हालांकि इस बात से इनकार किया था कि उन्होंने इन पैसों का गलत इस्तेमाल किया है. एजेंसी इस मामले से जुड़े और लोगों से पूछताछ कर सकती है.

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