भोपाल। मध्यप्रदेश में बीते दो दिनों से तेज बारिश (heavy rain) से राहत मिली है, जिसके चलते बाढ़ की स्थिति सुधर रही है। लेकिन मौसम वैज्ञानिकों (weather scientists) के अनुसार शुक्रवार से प्रदेश में बारिश का एक और दौर शुरू हो सकता है। इसकी वजह बंगाल की खाड़ी (Bay of Bengal) में बना एक चक्रवात है।
मध्यप्रदेश में बीते कुछ दिनों से सक्रिय कम दबाव का क्षेत्र राजस्थान पहुंच गया है। इससे अधिकतर जिलों में वर्षा का सिलसिला कुछ थम गया है। हालांकि मौसम विज्ञानियों का कहना है कि बंगाल की खाड़ी में हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बन गया है। इस मौसम प्रणाली के शुक्रवार को कम दबाव के क्षेत्र में परिवर्तित होने की संभावना है। इसके असर से मध्यप्रदेश में एक बार फिर वर्षा का दौर शुरू हो सकता है। उधर बुधवार को सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े छह बजे तक उज्जैन में पांच, रतलाम में तीन, जबलपुर में 2.4, खरगोन में दो, भोपाल में 0.6, बैतूल में 0.4, धार में 0.3 मिलीमीटर वर्षा हुई।
राजधानी स्थित मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक मध्यप्रदेश में तीन दिन तक सक्रिय रहने के बाद कम दबाव का क्षेत्र वर्तमान में दक्षिण-पश्चिम राजस्थान में पहुंचकर गहरा कम दबाव का क्षेत्र बन गया है। मानसून ट्रफ भी ग्वालियर से होकर गुजर रही है। कम दबाव के क्षेत्र के राजस्थान चले जाने के कारण वातावरण में नमी कम होने लगी है। इससे बादल छंटने लगे हैं। बुधवार को भोपाल सहित कई जिलों में धूप भी निकली। इससे लोगों ने कुछ राहत महसूस की। गुरुवार को भी मौसम का मिजाज पूरे प्रदेश में इसी तरह रहने का अनुमान है, लेकिन शुक्रवार को जबलपुर, शहडोल संभागों सहित प्रदेश के अन्य हिस्सों में फिर बारिश शुरू हो सकती है।
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