इंदौर न्यूज़ (Indore News)

राखी के दाम 10 से 15 प्रतिशत तक बढ़े, लेकिन बाजार गुलजार

इंदौर में 20 से 25 करोड़ का कारोबार, प्रदेश के जिलों सहित अन्य प्रदेश के लिए भी यहीं से कारोबार
इंदौर, नासेरा मंसूरी।  भाई-बहन (Brother-Sister) के प्यार के प्रतीक रक्षाबंधन (Rakshabandhan) को अब केवल 15 ही दिन बचे हैं। ऐसे में इंदौर (Indore) के बाजारों में त्योहार (Festival) की रौनक नजर आने लगी है। शहर के आसपास के जिलों सहित अन्य प्रदेशों से भी रानीपुरा(Ranipura)  स्थित थोक बाजार (Wholesale market) में राखियों की खरीदी के लिए लोग पहुंच रहे हैं। महंगाई (Inflation) का असर यहां भी है। इस बार राखियों के दामों में करीब 15 फीसदी का उछाल है।
थोक बाजार में कई अलग-अलग तरह की नई वैरायटी की राखियां मौजूद हंै। इन दिनों डायमंड (Diamond), स्टोन, फैंसी डोरी और बच्चों के बीच सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली कार्टून कैरेक्टर की राखियां पसंद की जा रही हैं। कारोबारियों के मुताबिक, पिछले कुछ सालों में सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली बड़े फुंदे वाली राखियां चलन से लगभग बाहर हो चुकी हैं। यह बाजारों में केवल 5 फीसदी ही नजर आ रही हैं। इंदौर में रानीपुरा ही राखी के लिए थोक का बाजार है। व्यापारियों को यहां के साथ ही पूरे इंदौर से लगभग 20 से 25 करोड़ का कारोबार होने की उम्मीद है।


देश के कई शहरों से इंदौर आती हैं राखियां
इंदौर में कच्चे माल से राखियां बनाए जाने के साथ ही बड़ी मात्रा में देश के कई प्रमुख शहरों से भी तैयार राखियां आती हैं। इनमें कोलकाता, मुंबई, दिल्ली, राजकोट और अहमदाबाद प्रमुख हैं, वहीं इंदौर आने के बाद ये राखियां आसपास के कई क्षेत्रों और पूरे प्रदेश में व्यापारी ले जाते हैं।
चीन तक से आता है कच्चा माल
राखियों के निर्माण में इस्तेमाल होने वाला सामान देश के कई प्रमुख शहरों से लेकर चीन तक से आता है। इनमें ज्यादातर बच्चों की राखियों में लगने वाले कार्टून कैरेक्टर, लाइट और साउंड वाले छोटे खिलौने हैं, जिन्हें राखी का रूप दिया जाता है।
5 रुपए से 1200 रुपए दर्जन तक भाव
रानीपुरा क्षेत्र के व्यापारियों ने बताया कि राखी की हजारों तरह की डिजाइन बाजार में उपलब्ध हैं। इनकी कीमत इनमें इस्तेमाल होने वाले मटेरियल से लेकर पैकिंग तक से प्रभावित होती है। इस बार बाजार में लोगों के लिए राखी की कीमत 5 रुपए से लेकर 1200 रुपए प्रति दर्जन तक है।
शहर में 2 महीने पहले बनना शुरू हो जाती हैं राखियां
इंदौर के थोक बाजार रानीपुरा के आसपास के क्षेत्रों में कई लोग राखियां बनाने का काम भी करते हैं। यह काम इंदौर में रक्षाबंधन से 2 महीने पहले ही शुरू हो जाता है। बड़े व्यापारियों से लोग कच्चा माल ले जाकर राखियां तैयार कर पैकिंग तक करते हैं। राखियां तैयार करने के लिए इंदौर में बड़ी मात्रा में राजकोट और दिल्ली से कच्चा माल आता है, जिन्हें थोक बाजार के बड़े व्यापारी लेकर आते हैं। ये राखियां यहां बिकने के साथ ही बड़ी मात्रा में बाहर भी जाती हैं।
कच्चा माल महंगा होने से दामों में उछाल
रानीपुरा एसोसिएशन से जुड़े कारोबारी देवानंद बालचंदानी के मुताबिक, इस साल महंगाई का असर राखी पर भी पड़ा है। कच्चे माल के दाम में बढ़ोतरी होने से राखियों के दामों में 10 से 15 फीसदी की बढ़त हुई है। हालांकि, इससे ग्राहकी पर कोई खास असर नहीं हुआ है। रक्षाबंधन का बाजार बेहतर है और लोगों ने थोक की खरीदी भी शुरू कर दी है। रक्षाबंधन के चार दिन पहले से इंदौर के बाजारों में और रौनक बढ़ेगी।

Share:

Next Post

दुधमुंहे बच्चे को आई मां की मौत की आहट, जोर से रोने लगा, फंदे पर लटकी मिली

Fri Jul 29 , 2022
इंदौर। एक महिला (woman) की मौत (death) की सूचना उसके परिजन को उस समय लगी, जब उसका दुधमुंहा बच्चा जोर-जोर से रोने लगा। नींद में सो रहे परिजन के कानों तक बच्चे के रोने की आवाज पहुंची तो वे जागे और देखा तो उसकी मां फांसी (hanging) के फंदे पर लटक रही थी। एरोड्रम पुलिस […]