नई दिल्ली: महाराष्ट्र के बाद अब मध्य प्रदेश में भी निकाय और पंचायत चुनाव पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)का आदेश आया है. मध्य प्रदेश में होने वाले स्थानीय निकाय में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) आरक्षण पर चुनाव नहीं होगा. OBC के लिए आरक्षित सीटों को सामान्य सीट मानते हुए चुनाव कराए जाएं.
सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि ट्रिपल टेस्ट का पालन किए बिना आरक्षण के फैसले को स्वीकार नहीं किया जा सकता, जो अनिवार्य है. सुप्रीम कोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग से कहा कि कानून के दायरे में ही रहकर चुनाव करवाए और OBC के लिए निर्धारित सीटों को सामान्य सीटों में तब्दील करने की अधिसूचना जारी करे.
अदालत ने कहा कि कानून का पालन नहीं होगा तो भविष्य में सुप्रीम कोर्ट चुनाव को रद्द भी कर सकता है. सुप्रीम कोर्ट इस मामले की अगली सुनवाई 27 जनवरी को करेगा. गौरतल है कि 15 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र में स्थानीय चुनावों में 27 फीसदी OBC के लिए आरक्षित सीटों के अध्यादेश को रद्द कर दिया था. अपने 6 दिसंबर के आदेश में किसी तरह की तब्दीली से इंकार करते हुए कहा कि राज्य चुनाव आयोग अपनी पिछली अधिसूचना में बदलाव करते हुए हफ्ते भर में नई अधिसूचना जारी करे.
उस अधिसूचना में पिछड़े वर्गों के लिए 27 फीसदी आरक्षण के प्रावधान को रद्द करते हुए बाकी बची 73 फीसदी सीटें सामान्य श्रेणी के लिए रखे जाने की नई अधिसूचना एक हफ्ते में जारी करने का आदेश राज्य चुनाव आयोग को दिया है. 6 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र स्थानीय निकाय चुनाव में OBC उम्मीदवारों के लिए 27% आरक्षित सीटों पर रोक लगा दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र राज्य चुनाव आयोग को चुनाव में 27 फीसदी आरक्षण के साथ आगे ना बढ़ने को कहा था.
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