जीवनशैली

Research: मंगल ग्रह पर भी इंसान बच्चे पैदा कर सकता है

टोक्यो। पृथ्वी से बाहर जीवन की तलाश के बीच वैज्ञानिकों (Scientists) को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। दरअसल, जापान के वैज्ञानिकों (Scientists) द्वारा अंतरिक्ष (Space) में करीब 6 साल तक रखे गए चूहों के स्पर्म को जब धरती (Earth) पर वापस लाया गया तो उससे फिर से स्वस्थ्य(Health) चूहे पैदा हुए। वैज्ञानिकों (scientists) ने यह भी दावा किया है कि लाल ग्रह (Planets) यानी मंगल पर भी इंसान बच्चे पैदा (baby born) कर सकता है। दरअसल, विशेषज्ञों (Scientists) को आशंका थी कि अंतरिक्ष (Space) में रहने से वहां के रेडिएशन (Radiation) से हमारा डीएनए(DNA) खराब हो सकता है और प्रजनन संभव नहीं है। हालांकि सामने आई अब नई थ्योरी (theory) कुछ और ही कहानी बयां कर रही है।


साल 2013 से ही इंटरनैशनल स्पेस स्टेशन (international space station) पर चूहे का स्पर्म रखे रहने के बाद भी स्वस्थ (Health) पाया गया और उससे चूहे के बच्चे भी पैदा हुए। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 66 चूहों से लिए गए सैंपल्स (samples) को 2013 में 30 से ज्यादा ग्लास ऐंप्यूल्स (glass ampules) में रखा गया था। इतने सालों बाद अब वैज्ञानिकों ने उनमें से बेहतर स्पर्म (sperm) के सैंपल से बच्चे पैदा करने का फैसला किया जिसमें उन्हें सफलता (Success) भी मिली। जानकारी के मुताबिक 4 अगस्त, 2013 को 3 सैंपल्स को लॉन्च किया गया। इनमें से तीन सैंपल को जापान के सुकूबा में उसी परिस्थिति में रखा गया जहां कई प्रकार के रेडिएशन (Radiation) थे। अतरिक्ष से सैंपल का पहला बॉक्स 19 मई, 2014 को वापस लाया गया था। इस सैंपल (sample) की जांच के बाद भी प्रजेक्ट जारी रहा।


रेडिएशन का नहीं पड़ा कोई असर, पूरी तरह से स्वस्थ्य चूहों ने लिया जन्म

11 मई, 2016 को दूसरा बॉक्स लाया गया जिसकी जांच के बाद तीसरे बॉक्स को 3 जून, 2019 को वापस धरती (Earth) पर लाया गया। लैब में लाए जाने के बाद वैज्ञानिकों (Scientists) ने इस बात की जांच की कि स्पर्म को रेडिएशन (Radiation) से कितना नुकसान पहुंचा है। आरएनए सीक्वेंसिंग (RNA sequencing) की मदद से हुई इस जांच में पाया गया कि आईएसएस ट्रिप (ISS trip) से स्पर्म के न्यूक्लियस (nucleus) पर फर्क नहीं होता है। इसके अलावा धरती पर रखे सैंपल के बॉक्स भी जापान की यामानाशी यूनिवर्सिटी (Yamanashi University) के लैब में पहुंचाए गए। ड्राई-फ्रीज किए गए इन स्पर्म के सैंपल को फिर से रीहाइड्रेट किया गया और मादा चुहिया के ओवरी में डाला गया। रिसर्च(Research) से संबंधित प्रोफेसर सयाका वकायमा ने बताया कि जेनेटिक रूप से चूहे के कई सामान्य बच्चे पैदा हुए, वह पूरी तरह स्वस्थ्य थे।

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