नई दिल्ली (New Delhi)। चीनी की बढ़ती कीमत (Sugar price rising) ने पूरी दुनिया में आम आदमी के किचन का बजट (Common man’s kitchen budget) बिगड़ रखा है. सप्लाई और डिमांड में भारी अंतर आने के चलते चीनी की कीमत 12 साल के हाई लेवल पर पहुंच गई है. ऐसे में देश में चीनी की बढ़ती कीमतों और महंगाई को कंट्रोल (control inflation) करने के लिए सरकार (Government) जल्द ही बड़ा फैसला ले सकती है. आने वाले सीजन में सरकार चीनी के एक्सपोर्ट पर बैन (Ban on export) लगा सकती है. दरअसल, देश में चीनी के दाम लगातार बढ़ रहे हैं, जिसे देखते हुए नवंबर के पहले हफ्ते में शुगर एक्सपोर्ट पर बैन का नोटिफिकेशन जारी किया जा सकता है।
सरकार बना रही ये प्लान
एक खबर के मुताबिक, डिपार्टमेंट ऑफ कंज्यूमर के एक अधिकारी ने इस बात की जानकारी वित्तीय पोर्टल को दी है. चीनी के सीजन की शुरुआत अक्टूबर से होती है और अगले साल सितंबर तक रहती है. ऐसे में सरकार आने वाले सीजन में इसको एक्सपोर्ट पर बैन लगा सकती है. दरअसल, साल 2021-22 में रिकॉर्ड 11 मिलियन टन चीनी बेचने के बाद भारत ने साल 2022-23 में चीनी के एक्सपोर्ट पर पाबंदी लगाई थी, जिससे कि देश के डोमेस्टिक मार्केट में चीनी की सप्लाई बिना रुकावट के चलती रहे और कीमतों पर रोक लगाया जा सके।
साल 2022-23 के चीनी सीजन की शुरुआत में केंद्र सरकार ने शुगर एक्सपोर्ट करीब 6 मिलियन टन तक लिमिट कर दिया था. ऐसे में एक बार फिर सरकार चीनी के एक्सपोर्ट पर बैन लगाकर देश में चीनी की कीमतों पर लगाम लगाने का काम करेगी।
इन राज्यों में गिरा चीनी का प्रोडक्शन
देश के टॉप के गन्ना उत्पादक राज्यों जैसे पश्चिमी राज्य महाराष्ट्र और दक्षिण के कर्नाटक में इस साल सामान्य से कम बारिश होने के कारण चीनी सीजन इसका उत्पादन होने की आशंका है. अगस्त तक के चीनी प्रोडक्शन के आकड़ें देखें तो चीनी के औसत प्रोडक्शन से इस साल 50 फीसदी कम प्रोडक्शन हुआ है. ऐसा इसीलिए हुआ है क्योंकि महाराष्ट्र और कर्नाटक दोनों राज्य भारत के टोटल चीनी आउटपुट का आधे से ज्यादा हिस्सा प्रोडूस करते हैं. इन राज्यों में ही इस बार चीनी का प्रोडक्शन गिरा है।