इंदौर न्यूज़ (Indore News)

साढ़े 6 करोड़ की सडक़ का भूमिपूजन हो गया और अब शासन ने मंजूरी रोकी

इंदौर। अभी 24 जुलाई को ही धूमधाम से महालक्ष्मी नगर मेन रोड (Mahalaxmi Nagar Main Road) व तुलसी नगर (Tulsi Nagar) तक की सवा किलोमीटर अधूरी फोनलेन सडक़ के चौड़ीकरण के लिए भूमिपूजन (Bhoomi Pujan) किया गया था। प्राधिकरण बोर्ड (Authority Board) द्वारा मंजूरी के बाद मास्टर प्लान में साढ़े 6 करोड़ की 100 फीट चौड़ी इस सडक़ (Road) का निर्माण अगले हफ्ते से शुरू होना था कि शासन ने एक पत्र भेजकर इस सडक़ के निर्माण की मंजूरी को रोक दिया। दरअसल, गैरयोजना मद में प्राधिकरण अभी तक सडक़, ड्रेनेज (Drainage) सहित अन्य कार्य करता रहा है, मगर लैंड पूलिंग एक्ट (Land Pooling Act) लागू होने के बाद टीपीएस के तहत ही योजनाएं बनाई जाना हैं, जिसमें गैरयोजना मद के प्रावधान को खत्म कर दिया गया, जबकि यह सडक़ अत्यंत महत्वपूर्ण है और 16 साल नागरिकों के संघर्र्ष के बाद मंजूर हुई थी। प्राधिकरण टेंडर से लेकर वर्क ऑर्डर जारी करने तक की प्रक्रिया लगभग पूरी कर चुका था। अब नए सिरे से सडक़ निर्माण की मंजूरी की मशक्कत करना पड़ेगी।


बॉम्बे हॉस्पिटल (Bombay Hospital) के सामने महालक्ष्मी नगर (Mahalaxmi Nagar)से तुलसी नगर (Tulsi Nagar) और उसके आगे भी 100 फीट चौड़ी इस सडक़ (Road) के एक तरफ प्राधिकरण पूर्व में निरस्त हो चुकी योजना 133 और दूसरी तरफ पुरानी योजना 132 जो वर्तमान में 171 के नाम से लागू है और इसी जमीन को भूमाफियाओं के कब्जे से छुड़ाकर भूखंडों का आवंटन पीडि़तों को शासन-प्रशासन द्वारा किया जा रहा है। प्राधिकरण बोर्ड ने संकल्प-5 दिनांक 30.01.2021 के जरिए मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुसार इस सवा किलोमीटर लम्बी सडक़ (Road) के निर्माण का निर्णय लिया और साढ़े 6 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति भी दी। गैरयोजना मद के इस कार्य के लिए शासन स्वीकृति की प्रत्याषा में टेंडर आमंत्रित कर निर्माण एजेंसी का चयन भी कर लिया। 24 जुलाई को भूमिपूजन (Bhoomi Pujan) भी किया गया, जिसमें जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, सांसद शंकर लालवानी, क्षेत्रीय विधायक महेन्द्र हार्डिया, संभागायुक्त डॉ. पवनकुमार शर्मा और प्राधिकरण सीईओ विवेक श्रोत्रिय सहित आसपास की कालोनियों के रहवासी संघ के नागरिक भी मौजूद रहे। प्राधिकरण ने मौके पर सडक़ निर्माण की पूरी तैयारी कर ली और अगले हफ्ते से काम शुरू होना था, मगर इसी बीच नगरीय विकास एवं आवास विभाग के उपसचिव डॉ. सुभाशीष बैनर्जी का पत्र प्राधिकरण सीईओ को मिला, जिसमें कहा गया कि मुख्यमंत्री की घोषणा के परिप्रेक्ष्य में योजना क्र. 94 (बॉम्बे हॉस्पिटल चौराहा) से तुलसी नगर (Tulsi Nagar) नाले तक मास्टर प्लान के 30 मीटर मार्ग के शेष निर्माण की गैरयोजना मद के अंतर्गत स्वीकृति मांगी गई है, मगर धारा 49 पुन: स्थापित की गई है। लिहाजा उसके तहत प्राधिकरण बोर्ड इस प्रकरण को प्रस्तुत कर उस पर निर्णय ले। यानी अब नए सिरे से प्राधिकरण बोर्ड को इस सडक़ निर्माण की मंजूरी की प्रक्रिया की मशक्कत करना होगी और तब तक इस महत्वपूर्ण सडक़ का निर्माण कार्य ठप रहेगा, जो 16 साल के संघर्ष के बाद होना था। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने इस सडक़ (Road) की घोषणा विधायक महेन्द्र हार्डिया की मांग पर की थी, लेकिन कोरोना के चलते न तो प्राधिकरण बोर्ड बैठक हो पाई थी और न ही सडक़ निर्माण का प्रस्ताव मंजूर हो सका था। उसके बाद 1 जुलाई को हुई बोर्ड बैठक में प्रशासकीय अनुमति सडक़ (Road) निर्माण और उसके टेंडर को दी गई और फिर 24 जुलाई को पुष्प विहार में भूमिपूजन (Bhoomi Pujan) कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें सडक़ निर्माण का काम जल्द शुरू करने की घोषणा भी जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों ने की थी।

नई धारा 49 में फिर लेना पड़ेगा बोर्ड को फैसला
प्राधिकरण सालों से गैरयोजना मद में करोड़ों रुपए के काम करता रहा है। दरअसल राजनीतिक बोर्ड भी सडक़, ड्रेनेज, नलकूप खनन से लेकर कई काम विधानसभा और वार्डों में नेताओं की पसंद पर करता रहा है। पर्यावरण सुधार संबंधी प्रावधानों का लाभ उठाकर गैरयोजना मद में ये काम होते रहे, मगर अब लैंड पूलिंग एक्ट लागू होने के चलते मध्यप्रदेश नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 में संशोधन हो गए हैं, जिसमें धारा 49 पुन: स्थापित की गई है। लिहाजा नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने पूर्व के प्रावधानों के तहत गैरयोजना मद में महालक्ष्मी नगर-तुलसी नगर नाले तक सडक़ निर्माण की अनुमति देने के बजाय नवीन धारा 49 के परिप्रेक्ष्य में पुन: प्राधिकरण बोर्ड के समक्ष प्रकरण प्रस्तुत कर निर्णय लिए जाने का आदेश भिजवा दिया। यानी अब प्राधिकरण बोर्ड को पुन: नए सिरे से मंजूरी और फिर शासन को पत्र भेजकर उसकी भी मंजूरी की कवायद करनी पड़ेगी, जबकि सडक़ का निर्माण मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की घोषणा के मद्देनजर होना है।


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