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Russia-Ukraine War : पीकी ब्लाइंडर्स की काट खोज रहे रूस सैनिक

कीव (Keev)! रूस और यूक्रेन के बीच भीषण युद्ध (Russia-Ukraine war) को दो साल से अधिक का वक्त हो गया और अभी भी इस जंग के खत्म होने के आसार नहीं लग रहे हैं। यह युद्ध अभी कुछ और वर्षों या शायद दशकों तक चल सकता है। एक तरफ पश्चिम और अमेरिकी (West and American) मदद से यूक्रेनी सेना युद्ध में टिकी हुई है और दूसरी तरफ अचूक हथियारों के दम पर रूस अभी भी युद्ध में बना हुआ है। हालिया घटनाक्रमों पर नजर डालें तो कुछ दिन पहले तक रूसी सेना यूक्रेनी शहर खारकीव में बढ़त बनाए हुए थे हालांकि, अब हालात पलट गए हैं। यूक्रेनी सेना ने एक बार फिर खारकीव में अपना मोर्चा मजबूत कर लिया है। यह सब मुमकिन कर दिखाया है- यूक्रेन के पीकी ब्लाइंडर्स ने।

पीकी ब्लाइंडर्स यूक्रेन की वो छोटी टुकड़ी है, जिसके आगे रूसी सेना घुटने टेकते हुए दिखाई दे रही है। ये टुकड़ी न सिर्फ रूसी सैनिकों को दौड़ा-दौड़ाकर अपना शिकार बना रही है, उनके हथियार भी जब्त कर दे रही है। दिलचस्प यह है कि ये सेना फ्रंट फुट पर नहीं छिपकर हमले कर रही है, जो रूसी सैनिकों को लगातार चौंका रहे हैं।

बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, खारकीव की जंग में अब यूक्रेनी सैनिकों ने आश्चर्यजनक रूप से बढ़त बना ली है। हालांकि यह अभी सीमित इलाकों में ही है, अधिकतर जगहों पर रूसी सैनिकों के ड्रोन और हवाई हमले जारी हैं। हथियारों और बड़े सैन्य बल की मदद से रूसी सैनिकों ने यूक्रेनी शहरों को बर्बाद करना जारी रखा है। लेकिन, पीकी ब्लाइंडर्स की टीम की मदद मिलने के बाद यूक्रेनी सैनिकों के हौसले बढ़ रहे हैं और उन्होंने अपना मोर्चा मजबूत कर लिया है। रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तरी हिस्से में अभी खतरा नहीं टला है।



कौन हैं पीकी ब्लाइंडर्स?
पीकी ब्लाइंडर्स की टीम यूक्रेन को वो सैन्य टुकड़ी है, जो दुश्मन पर घात लगाकर ड्रोन हमले करती है। इनके पास बड़ी मात्रा में सस्ते ड्रोन हैं, जिन्हें डेवलप करके ये रूसी सैनिकों पर छोड़ रहे हैं। इनका नाम- पीकी ब्लाइंडर्स यूक्रेन के प्रसिद्ध टीवी सीरियल के नाम पर है। इस टुकड़ी के लीडर ऑलेक्ज़ेंडर का कहना है कि हमारा काम भी टीवी सीरियल के कलाकारों की तरह है। फर्क इतना है कि हम इसे असल में कर रहे हैं। इनके सिर पर सपाट हे़ट है। जिस पर लिखा है- ढूंढों और मार डालो। जंग की शुरुआत में इनकी संख्या सीमित थी लेकिन, अब इनकी संख्या काफी है।

टीम के लीडर ऑलेक्ज़ेंडर का कहना है कि उनकी सेना यूक्रेन की एयर फोर्स की तरह काम करती है। जंग शुरू होने के बाद हमारी टीम ने प्रशिक्षण भी लिया है और अब हम वेल ट्रैंड हैं। उन्होंने बताया कि हम रूसी सैनिकों को घात लगातार निशाना बना रहे हैं। हमारे ड्रोन पर एक स्पेशल हुक रहता है, जो न सिर्फ रूसी सैनिक को मार डालता है। उसके हथियारों को भी हमारे पास लाता है। हम कई मौकों पर आत्मघाती ड्रोन हमलों में रूस की बड़ी टुकड़ी को निशाना बनाते हैं। वो बताते हैं कि हमें खुशी है कि हमारी कोशिश रंग ला रही है और खारकीव की जंग में हमारे सैनिकों का पलड़ा अब भारी पड़ता दिखाई दे रहा है। हालांकि उनका यह भी कहना है कि जंग में अभी फैसला लेना जल्दबाजी होगा। रूस को हराना इतना आसान नहीं है।

पीकी ब्लाइंडर्स की काट खोज रहे रूस सैनिक
खारकीव समेत कई शहरों में मुंह की खा रहे रूसी सैनिकों ने अब पीकी ब्लाइंडर्स की काट खोजने के तरीकों पर काम करना शुरू कर दिया है। रिपोर्ट है कि रूसी सैनिक भी यूक्रेन की तरह इलेक्ट्रॉनिक वॉरफ़ेयर का इस्तेमाल कर रहे हैं। इनका इस्तेमाल ड्रोन का पता लगाने और उन्हें निष्क्रिय करने के लिए किया जाता है। रूसी सैनिकों ने अब युद्ध में बढ़त बनाने के लिए नई तकनीकों की तरफ अपना ध्यान खींचा है। इलेक्ट्रॉनिक वॉरफ़ेयर के अलावा रूसी सैनिक युद्ध में जैमर तकनीक की मदद से यूक्रेनी हथियारों को नाकाम कर रहे हैं। हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, कई अमेरिकी हथियारों को रूस ने इसी तकनीक की मदद से नाकाम किया है। इसके बाद पश्चिम और अमेरिका ने हथियारों की सप्लाई फिलहाल रोक दी है।

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