- – आसपास की सडक़ों के सीमेंटीकरण की तैयारी
- – संवारने के लिए बुलवाया गया सामान भी हटाया
इंदौर। गोपाल मंदिर (Gopal Mandir) को संवारने का काम लगभग पूरा हो चुका है। आने वाले आठ से दस दिनों में इसे आम लोगों के लिए खोल दिया जाएगा। करीब डेढ़-दो वर्षों से गोपाल मंदिर को स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत संवारने का काम जारी था। अब मंदिर परिसर के बाहर की सडक़ों का सीमेंटीकरण कराने की तैयारी है।
राजस्थान और पंजाब के कारीगरों की टीम ने गोपाल मंदिर को संवारने का काम शुरू किया था। चूंकि वहां लकड़ी का कार्य ज्यादा था, जिसके चलते कई कुशल कारीगरों को बुलवाया गया और विशेषज्ञों की देखरेख में कार्य किया गया। अधिकांश हिस्सों में बारिश के पानी से मंदिर के ऊपरी मंजिल की लकडिय़ां सड़ चुकी थीं, जिन्हें निकालकर हूबहू दूसरी लकडिय़ां लगाई गईं। अधिकारियों के मुताबिक बाहरी परिसर में भी लकडिय़ों पर वर्षों पुरानी कारीगरी थी, ऐसे में लकड़ी बदलने के दौरान डिजाइनों के आधार पर उसी प्रकार की कलाकृतियां बनाकर लकडिय़ों को फिर से लगाया गया। ऊपरी मंजिल पर आर्ट गैलरी बनाने का प्रस्ताव भी है और इसके लिए मंथन चल रहा है। गोपाल मंदिर और आसपास का हिस्सा संवारा गया है।
अब वहां सामान हटाने का कार्य चल रहा है, जो दो-तीन दिनों में पूरा हो जाएगा। आठ से दस दिनों में गोपाल मंदिर आम लोगों के लिए खोला जा सकता है। इसके लिए स्मार्ट सिटी के अधिकारियों और विशेषज्ञों की टीम वहां निरीक्षण भी करेगी। गोपाल मंदिर के अलग-अलग हिस्सों के लिए स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट ने 17 करोड़ 43 लाख रुपए में अलग-अलग फर्मों को काम सौंपा था। शुरुआती दिनों में काम को लेकर दिक्कतें आ रही थीं। जैसे-तैसे यह काम अलग-अलग टीमों को लगाकर पूरा कराया गया। अब इस प्रोजेक्ट का काम पूरा होने के बाद अफसरों की टीम राजबाड़ा के सौंदर्यीकरण और जीर्णोद्धार के कार्य को तेजी से पूरा कराने का टारगेट पूरा करेगी।
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