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वैज्ञानिकों के हाथ लगी एक और बड़ी सफलता, अंतरिक्ष में रहने के लिए ढूंढी सेफ जगह

रोम। अंतरिक्ष वैज्ञानिकों (Space Scientists) ने आकाशगंगा (Galaxy) में सबसे ज्यादा सुरक्षित जगह को ढूंढ लिया है। वैज्ञानिकों ने पूरी आकाशगंगा की जांच की, तब जाकर ये जगह मिली। वैसे तो धरती को सबसे सुरक्षित माना गया है लेकिन अगर आप कोरोना महामारी या फिर किसी अन्य चीज से परेशान हैं और किसी दूसरे ग्रह पर जाने के बारे में सोच रहे हैं तो ये जगह अंतरिक्ष में आपके लिए सबसे सुरक्षित रहेगी।

अंतरिक्ष में जीवन के लिए हैं ये मुसीबतें
ये रिसर्च इटली की इनसुब्रिया यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों की एक टीम ने की है। टीम के चीफ रिकॉर्डो स्पिनेली (Riccardo Spinelli) ने बताया कि स्पेस में विस्फोट (Cosmic Explosion) के कारण कई जीव खत्म हो चुके हैं। जान लें कि स्पेस में विस्फोट यानी गामा किरणों का फूटना, सुपरनोवा, रेडिएशन और हाई एनर्जी वाले कणों का फैलना डीएनए को फाड़ सकते हैं, ये जिंदगी खत्म कर सकते हैं।
रिकॉर्डो स्पिनेली ने कहा कि स्पेस में इस सुरक्षित जगह को ढूंढना आसान काम नहीं था। स्पेस में खतरे वाली जगहें भरी पड़ी हैं। उन्होंने आगे कहा कि विस्फोट (Cosmic Explosion) को अनदेखा नहीं किया जा सकता। विस्फोट आकाशगंगा में जीवन के विकास में रुकावट डालता है।


आकाशगंगा की सबसे सुरक्षित जगह

जान लें कि स्पिनेली और उनकी टीम दो चीजें खोजी हैं। आकाशगंगा में सबसे सुरक्षित और खतरनाक जगह। इस रिसर्च के लिए 1,100 करोड़ साल का पुराना इतिहास खंगाला गया। जिसमें पता चला कि हम इंसान आकाशगंगा में जिस जगह रहते हैं वह सबसे सुरक्षित बेल्ट में है। जबकि आज से करोड़ों साल पहले आकाशगंगा के निर्माण के वक्त इसकी सबसे सुरक्षित जगह इसका आखिरी छोर (Galaxy’s Edges) थी।

सुरक्षित जगह के बारे में कैसे पता किया जाता है?
गौरतलब है कि कोई ग्रह का रहने लायक है या नहीं, यह इससे पता चलता है कि उसका तारे से सामंजस्य कैसा है। जैसे धरती को सूर्य से पर्याप्त मात्रा में गर्मी मिलती है। ये न तो कम होती है और न ही ज्यादा। इसके अलावा ग्रह आकाशगंगा में ऐसी जगह हो जहां गामा किरणों का बहाव, सुपरनोवा, रेडिएशन और हाई एनर्जी वाले कणों का फैलना आदि मुसीबतें न आती हों। फिलहाल धरती इन सभी खतरों से सुरक्षित है। इसीलिए ये कहना ठीक होगा कि हम आकाशगंगा की सबसे सुरक्षित जगहों में से एक पर रहे रहे हैं।

अंतरिक्ष में आज भी मिलते हैं इस ग्रह के हिस्से
स्पिनेली ने कहा कि विस्फोट के आसपास के ग्रहों पर जीवन पूरी तरह से खत्म हो चुका होगा। रिसर्च में पता चला कि आज से 45 करोड़ साल पहले अंतरिक्ष में ओर्डोविसियिन नाम का एक ग्रह था, जो दूसरी धरती के नाम से जाना जाता था। इस ग्रह पर मास एक्सिटिंक्शन (Mass Extinction) की वजह से गामा किरणों को विस्फोट हुआ। आकाशगंगा में अब इसके बचे हुए हिस्से मिलते हैं। इन सभी खतरों से धरती बच गई क्योंकि सौरमंडल के प्रभाव और इसकी दूरी ने इसे बचा लिया।

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