इंदौर न्यूज़ (Indore News)

लोकायुक्त को देखकर भागे पुलिसवाले ने रिश्वत के पैसे पेंटर को थमाए, सडक़ पर जिंदा जलते मिले पेंटर की मौत

  • मुझे पुलिसवालों ने जला दिया, कोई अस्पताल लेकर चलो

इन्दौर। आज सुबह एमवाय अस्पताल (MY Hospital) में उज्जैन के गांधी नगर निवासी आशिक पेंटर (aashiq painter) पिता यासीन की इलाज के दौरान मौत हो गई। उसे कल इलाज के लिए उज्जैन से इन्दौर रैफर किया था। आशिक उज्जैन की सडक़ पर जिंदा जलता मिला, उस दौरान वह कह रहा था कि उसे कोई अस्पताल पहुुंचाए, उसे पुलिसवालों ने जलाया है। आशिक के जलने से पहले लोकायुक्त की टीम उससे जुड़े एक जवान को ट्रेप करने गई थी। आरोप है कि जवान ने जो रिश्वत के पैसे लिए थे, वह आशिक को दे दिए थे, हालांकि यह भी आशंका है कि लोकायुक्त के डर से उसने खुद को आग लगा ली होगी।

दरअसल उज्जैन लोकायुक्त की टीम ने चिमनगंज थाने के पुलिसकर्मी रवि कुशवाह को ट्रेप किया था। आरोप है कि रवि ने एक सटोरिए का सट्टा चलाने के लिए 70 हजार की रिश्वत मांगी और 30 हजार में तोड़बट्टा हुआ। इसके बाद सटोरिए ने लोकायुक्त में इसकी शिकायत की, लोकायुक्त की टीम ने योजनाबद्ध तरीके सटोरिए को गुलाबी रंग लगाकर रिश्वत के पैसे देने के लिए रवि के पास भेजा। रवि ने जैसे ही रुपए लिए तो लोकायुक्त की टीम वहां पहुंच गई और रवि मौके से भागने लगा। भागते-हुए उसने आशिक को रुपए दे दिए। बाद में रवि को लोकायुक्त वालों ने पकड़ा और उसके हाथ लिक्विड में डुबोए तो हाथ तो गुलाबी हो गए, लेकिन रिश्वत का रुपया मौके से जब्त नहीं हुआ। रवि का कहना था कि आशिक को उसने रुपए दे दिए। बाद में रवि को जेल भेज दिया। इसके बाद आशिक सडक़ पर इस तरह जलता मिला और उसने पुलिसवालों पर आरोप लगाए। इस मामले की उज्जैन पुलिस के आला अफसर जांच कर रहे है। आशिक के परिजन का आरोप है कि उसे या तो पुलिसवालों ने जलाया है या फिर उसके रिश्तेदार या रिश्वत देने वाले सटोरिए ने।


पुलिस वालों के लिए तोड़बट्टा करता था
सूत्रों के हवाले से खबर है कि आशिक ने उज्जैन के ज्यादातर थानों और पुलिसवालों के घरों और सराकरी क्वार्टरों में पुताई की थी। इस दौरान उसके पुलिसवालों से अच्छे संबंध बन गए और कई पुलिसवालों के लिए वह तोड़बट्टा का काम करने लगा। हालांकि आशिक के परिजन का कहना है कि यह बात गलत है, वह सिर्फ पुलिसवालों के संपर्क में था। अफसरों की जांच में पूरे मामले का खुलासा होगा, साथ ही यह भी साफ हो जाएगा कि आशिक ने डर की वजह से आत्महत्या की है या वाकई में उसे जलाया गया। हालांकि मौत से पहले आशिक के बयान पुलिस नहीं ले पाई, क्योंकि वह 90 प्रतिशत जली अवस्था में पुलिस को मिला और उसकी गंभीर हालत को देखते हुए एमवाय रैफर किया गया।

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