देश व्‍यापार

सेमीकंडक्टर की कमी से मारुति का उत्पादन अब भी प्रभावित

नई दिल्ली (New Delhi)। सेमीकंडक्टर की आपूर्ति की समस्या (semiconductor supply problem) की वजह से मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) का उत्पादन (Production of Maruti Suzuki India (MSI)) प्रभावित हो रहा है। हालांकि, देश की सबसे बड़ी वाहन निर्माता कंपनी एमएसआई अब इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की उपलब्ध आपूर्ति से अपने उत्पादन को बढ़ाने पर काम कर रही है। कंपनी के मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) अजय सेठ ने यह बात कही है।


मारुति के सीएफओ ने रविवार को जारी एक बयान में कहा कि कंपनी सेमीकंडक्टर की उपलब्ध आपूर्ति से अपना उत्पादन बढ़ाने पर काम कर रही है। चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही की तुलना में 31 दिसंबर, 2022 को समाप्त तीसरी तिमाही में आपूर्ति की स्थिति में कुछ सुधार हुआ है, लेकिन इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की कमी के कारण अक्टूबर-दिसंबर के दौरान करीब 46 हजार इकाइयों का उत्पादन नहीं कर सकी है।

उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की आपूर्ति अभी दुरुस्त नहीं हुई है। सेठ ने कहा कि हमारी आपूर्ति श्रृंखला, इंजीनियरिंग, उत्पादन और बिक्री की टीमें उपलब्ध सेमीकंडक्टर से उत्पादन की मात्रा को बढ़ाने की दिशा में काम कर रही हैं। दरअसल मारुति के लंबित ऑर्डर की संख्या तीसरी तिमाही के अंत में बढ़कर लगभग 3.63 लाख इकाई पर पहुंच गई है। कंपनी के मानेसर और गुरुग्राम दोनों संयंत्रों में सालाना सामूहिक उत्पादन क्षमता 15 लाख इकाई की है। इसके अलावा मारुति की मूल कंपनी सुजुकी के गुजरात संयंत्र से कंपनी को 7.5 लाख इकाई का उत्पादन हासिल होता है।

उल्लेखनीय है कि मारुति ने तीसरी तिमाही में 4,65,911 वाहन बेचे हैं। इनमें 4,03,929 वाहन घरेलू बाजार में बेचे हैं, जबकि 61,982 इकाइयों का निर्यात किया। हालांकि, पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में कंपनी की कुल बिक्री 4,30,668 इकाई रही थी। इनमें से 3,65,673 वाहन घरेलू बाजार में बेचे गए थे, जबकि 64,995 इकाइयों का निर्यात किया गया था। (एजेंसी, हि.स.)

Share:

Next Post

लगातार चौथे साल NSE बना दुनिया का सबसे बड़ा डेरिवेटिव एक्सचेंज

Mon Jan 30 , 2023
नई दिल्ली (New Delhi)। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) (National Stock Exchange (NSE)) लगातार चौथे साल डेरिवेटिव एक्सचेंज (4th year derivatives exchange) तौर पर उभरा है। कारोबारी अनुबंधों की संख्या (number of business contracts) के लिहाज से एनएसई 2022 में दुनिया के सबसे बड़े डेरिवेटिव एक्सचेंज की यह उपलब्धि हासिल की है। वायदा उद्योग संघ फ्यूचर्स […]