- स्मार्ट तरीके से मिलेगी खाद
भोपाल। मध्य प्रदेश के शाजापुर के किसान खाद के लिए सोसाइटी का चक्कर लगाने के बजाय अब घर बैठे अपने मोबाइल से डिमांड रिक्वेस्ट भेज सकेंगे। इसके साथ खाद की उपलब्धता होते ही संबंधित सोसाइटी उन्हें एसएमएस के माध्यम से सूचना कर देगी। शाजापुर जिला प्रशासन ने प्रदेश का पहला ‘स्मार्ट फर्टिलाइजर डिस्ट्रीब्यूशन मोबाइल ऐपÓ बनाया है। कलेक्टर कार्यालय सभा कक्ष में कलेक्टर दिनेश जैन ने इस मोबाइल ऐप का शुभारंभ किया। इस ऐप की विशेषता यह है कि इसमें अंग्रेजी भाषा के साथ हिंदी भाषा भी उपलब्ध है। किसान जैसे ही अपना आधार नंबर इस मोबाइल ऐप में डालेगा उसकी खेती से जुड़ा रकबा दिखेगा और किसान अपनी पसंद के खाद की उपलब्धता के बारे में जान सकेगा। इसके साथ किसान मांग के अनुरूप रिक्वेस्ट भेज सकेगा।
इस रिक्वेस्ट के आधार पर संबंधित सोसाइटी को खाद की डिमांड के बारे में सूचना हो जाएगी और खाद उपलब्ध होते ही किसान को सूचना कर दी जाएगी। गौरतलब है कि पिछले दिनों खाद वितरण में कई खामियां उजागर हुई थीं। इसी को लेकर कलेक्टर दिनेश जैन ने खाद वितरण की व्यवस्था में किसानों को स्मार्ट तरीके से जोडऩे के लिए मोबाइल एप्लीकेशन बनाने का विचार बनाया और एक निजी कंपनी से प्रयोग के तौर पर बिना कोई अतिरिक्त बजट खर्च किए इसे बनावाया गया है।
किसान ऐसे करें ऐप डाउनलोड
शाजापुर जिले के किसान अपने स्मार्टफोन के प्ले स्टोर में जाकर ‘स्मार्ट फर्टिलाइजर डिस्ट्रीब्यूशन ऐपÓ को सर्च कर उसे डाउनलोड कर सकते हैं। किसान अपने आधार नंबर से इसे बेहद आसान तरीके से संचालित कर अपनी पसंद के इफको यूरिया, चंबल, कृभको जैसी कंपनियों के खाद की डिमांड रिक्वेस्ट भेज सकते हैं। शाजापुर जिले की विभिन्न सहकारी समितियों में लगभग 99,000 किसान पंजीकृत हैं। इनमें से डिफाल्टर किसान रिटेल बाजार से खाद खरीदता है। जबकि नियमित लेनदेन करने वाले किसानों को क्रेडिट के आधार पर सहकारी समितियों से खाद मिलती है।
वितरण व्यवस्था सुधारने की दिशा में कदम
जिले में विभिन्न सहकारी समितियों में पिछले दिनों खाद को लेकर हंगामा देखने को मिला था। प्रशासन का कहना है कि जिले में किसानों को लिए पर्याप्त खाद उपलब्ध है। सहकारी समितियों से वितरण व्यवस्था को दुरुस्त किए जाने की दिशा में यह मोबाइल ऐप बेहद कारगर होगा। शाजापुर जिले की विभिन्न सहकारी समितियों के सदस्यों के लिए एक विशेष वर्कशॉप का आयोजन किया जाएगा जिसमें मोबाइल एप्लीकेशन से जुड़ी जानकारियां किसानों को दी जाएगी। वर्कशॉप में ही स्मार्ट फोन में एप्लीकेशन डाउनलोड करने के साथ ही उसके संचालन से जुड़ी जानकारियां किसानों को दी जायेगी।