शाजापुर । मध्य प्रदेश हाई कोर्ट (MP High court) ने शाजापुर विधानसभा चुनाव परिणाम 2023 के खिलाफ कांग्रेस नेता हुकुम सिंह कराड़ा (Congress leader Hukum Singh Karada) की याचिका (Petition) सोमवार (17 फरवरी) को खारिज कर दी. शाजापुर (Shajapur) सीट पर दो साल पहले संपन्न विधानसभा चुनाव में बीजेपी के अरुण भीमावद ने सिर्फ 28 वोटों से जीत हासिल की थी. हाई कोर्ट की इंदौर पीठ ने कांग्रेस नेता की याचिका खारिज करते हुए कहा कि हार को लेकर उनके तर्क तथ्यों पर आधारित नहीं हैं.
इंदौर हाई कोर्ट (Indore High Court) की पीठ के मुताबिक जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 83 (1) (ए) के तहत याचिकाकर्ता के आरोपों को सही नहीं माना जा सकता. दरअसल, हुकुम सिंह कराड़ा की याचिका में पोस्टल बैलट पेपर्स की गिनती सहित कई अनियमितताओं का आरोप लगाया गया था.
सिर्फ 32 वोट मिले थे ज्यादा
उन्होंने आरोप लगाया था कि मतगणना के दौरान 158 डाक मतपत्रों (पोस्टल बैलट) को गलत तरीके से खारिज कर दिया गया, लेकिन इसके पक्ष में वो सही सबूत अदालत के सामने पेश नहीं कर पाए. एमपी विधानसभा चुनाव 2023 में हुकुम सिंह कराड़ा को 98,932 वोट मिले. जबकि भीमावद को 98,960 वोट मिले थे.
जस्टिस प्रणय वर्मा ने अपने फैसले में कहा, “याची के आरोपों को सही मानने के लिए अदालत के सामने जरूरी दस्तावेज पेश नहीं किए गए. अगर याचिका के दलीलों को सही मान भी लिया जाए तो भी मेरी राय में वे तथ्य प्रस्तुत करने की शर्तों को पूरा नहीं करते.”
हाई कोर्ट के जस्टिस के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के फैसलों के मुताबिक आरोपों के पक्ष में जरूरी सबूत पेश न किए जाने की स्थिति में मतपत्रों की फिर से काउंटिंग का आदेश देना उचित नहीं होगा. मतों की पुनर्गणना का आदेश केवल तभी पारित किया जा सकता है, जब पहली नजर में आरोप तथ्यों पर आधारित हों.
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