- माता रानी का इस बार हाथी पर आगमन और प्रस्थान भी
भोपाल। शारदीय नवरात्र में इस साल देवी मां हाथी पर सवार होकर आ रहीं हैं। यह संकेत है कि देश में समृद्धि, शांति छाई रहेगी। साथ ही पूरे नौ दिनों की नवरात्र होने से नौ दिनों तक माता के विविध रूपों की पूजा करना फलदायी होगा। पं.मनोज शुक्ला के अनुसार 26 सितंबर को शारदीय नवरात्र का शुभारंभ हो रहा है। इस दिन सोमवार है और शास्त्रीय मान्यता के अनुसार यदि रविवार और सोमवार को नवरात्र का शुभारंभ हो तो माना जाता है कि देवी दुर्गा हाथी पर सवार होकर अपने साथ खुशहाली लेकर आतीं हैं। देवी मां, हाथी पर आएंगी और विजयादशमीं के दिन हाथी पर ही वापस लौटेंगी। ऐसी मान्यता है कि देवी मां यदि हाथी और नौका पर सवार होकर आएं तो शुभ होता है। यदि घोड़ा, भैंस, डोली, मानव पर सवार होकर आएं तो यह अशुभ संकेत माना जाता है।
किस दिन-कौन सी सवारी
एक श्लोक में वर्णित है कि शशिसूर्ये गजारूढ़ा शनिभौमे तुरंगमे। गुरौ शुक्रे च दोलायां, बुधे नौका प्रकीत्र्तिता श्लोक का अभिप्राय है कि रविवार और सोमवार को नवरात्र का शुभारंभ हो तो माता हाथी पर सवार होकर आती हैं। नवरात्र का शुभारंभ शनिवार और मंगलवार को हो तो देवी मां घोड़े पर सवार होकर आती हैं। यदि नवरात्र का शुभारंभ गुरुवार और शुक्रवार को हो तो मां डोली पर सवार होकर आती हैं। यदि बुधवार को नवरात्र प्रारंभ हो तो माता नौका पर सवार होकर आती हैं।
ब्रह्म योग का संयोग
25 सितंबर को सुबह से लेकर 26 सितंबर को सुबह 8 बजे तक शुक्ल योग और 26 सितंबर से 27 सितंबर तक ब्रह्म योग का संयोग है। इस योग में प्रतिपदा तिथि पर घट स्थापना करना शुभदायी होगा।