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शिवसेना का संकट कोर्ट की चौखट पर, डिप्टी स्पीकर के फैसले को चुनौती देंगे शिंदे


मुंबईः महाराष्ट्र की सत्ताधारी पार्टी शिवसेना में मचा अंदरूनी घमासान अब अदालत की चौखट तक पहुंचता नजर आ रहा है. समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि शिवसेना के बागी एकनाथ शिंदे अब अदालत का रुख कर सकते हैं. वह महाराष्ट्र विधानसभा में विधायक दल के नेता पद से हटाए जाने के फैसले पर कानूनी राय ले रहे हैं. उसके बाद कोर्ट जाएंगे. विधानसभा के डिप्टी स्पीकर ने उद्धव ठाकरे गुट के नेताओं के अनुरोध पर शिंदे को इस पद से हटा दिया था.

शिंदे गुट का कहना है कि डिप्टी स्पीकर को कोई भी फैसला लेने से पहले कम से कम 7 दिनों का नोटिस देना चाहिए था. इस बीच, शिंदे की अगुआई में बागी विधायक गुवाहाटी के होटल में अपनी रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं. एएनआई के मुताबिक, होटल में एकनाथ शिंदे गुट की बैठक हो रही है, जिसमें आगे की रणनीतियों और कानूनी पहलुओं पर चर्चा की जा सकती है. मीडिया में खबरें हैं कि एकनाथ शिंदे खेमा सोमवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सकता है और शिंदे की जगह अजय चौधरी को शिवसेना विधायक दल का नेता नियुक्त करने के डिप्टी स्पीकर के फैसले को चुनौती दे सकता है.

महाराष्ट्र में चल रही सियासी उथलपुथल के बीच उद्धव ठाकरे की अगुआई वाली शिवसेना की तरफ से विधानसभा सचिवालय से एकनाथ शिंदे को हटाकर अजय चौधरी को विधायक दल का नेता बनाने की मांग की गई थी. इस पर गुरुवार को विधानसभा के डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल ने शिवसेना के आग्रह की स्वीकार करते हुए शिंदे की जगह अजय चौधरी के नाम को मंजूरी दे दी थी. इसके बाद, एकनाथ शिंदे ने डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल को हटाने की मांग की थी.


अजय चौधरी ने पीटीआई से बात करते हुए दावा किया था कि 25 विधायकों ने शिवसेना के विधायक दल के नेता के रूप में उनकी नियुक्ति का समर्थन किया है. अजय चौधरी मुंबई के सेवरी से विधायक हैं. उन्हें उद्धव ठाकरे का खास माना जाता है. वह सेवरी से दो बार विधायक रह चुके हैं. इससे पहले 2015 में वह शिवसेना ने नासिक का जिला प्रमुख बनाया था.

इस बीच, शिंदे की अगुआई में बागी विधायक गुवाहाटी के होटल में अपनी रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं. वहीं, मुंबई में शिवसेना कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर उतरकर शिंदे और बागी विधायकों का विरोध शुरू कर दिया है. रविवार को मुंबई में सामना के कार्यालय के बाहर बागी विधायकों के विरोध में बाइक रैली निकाली गई. जूते मारो आंदोलन के तहत बागियों के पोस्टरों पर जूते-चप्पल बरसाए गए.

इससे पहले, शिवसेना नेता संजय राउत ने बागी विधायकों को लेकर कहा कि उन्हें जो करना है, करने दो. उन्हें मुंबई में तो आना ही पड़ेगा ना. हजारों-लाखों शिवसैनिक हमारे एक इशारे का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन हमने अभी संयम रखा हुआ है. हालात को देखते हुए केंद्र सरकार ने शिवसेना के 15 बागी विधायकों को ‘Y+’ श्रेणी की सुरक्षा देने का फैसला किया है. विधायकों को संभावित खतरे को देखते हुए ये फैसला किया गया है. सूत्रों के मुताबिक, CRPF के सशस्त्र जवान अब विधायकों की सुरक्षा का जिम्मा संभालेंगे.

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