भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

पीडि़तों को राहत बांटकर लौटे Shivraj कांग्रेस पर हमलावर

  • कमलनाथ-दिग्विजय सिंह पर लगाए बाढ़ के नाम पर राजनीति करने के आरोप

भोपाल। प्रदेश में बाढ़ आपदा पर सियासत शुरू हो गई है। गुुरुवार को श्योपुर और शिवपुरी (Sheopur and Shivpuri) में बाढ़ प्रभावितों को 23 करोड़ की राहत बांटकर लौटे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने अगले दिन कांग्रेस नेताओं पर बाढ़ के नाम पर राजनीति करने के आरोप लगाए हैं। शिवराज (Shivraj) ने कहा- हमारे एक मित्र (कमलनाथ (Kamalnath) बाढ़ पीडि़तों से मिलने के बजाय हेलीपैड पर नुकसान का आकलन करके निकल गए। दूसरे (दिग्विजय) बाढ़ पीडि़तों के बीच गए, तो कह आए कि राहत राशि व सामग्री मैं भिजवा रहा हूं। दरअसल, शिवराज (Shivraj) बाढ़ पीडि़तों के बीच पहुंचे तो उन्हें पता चला कि दिग्विजय (Digvijay) लोगों से कहकर गए हैं कि सरकार कुछ नहीं कर रही है, राहत सामग्री तो वे भिजवा रहे हैं।
मुख्यमंत्री (Chief Minister) ने कहा हमारी पार्टी जमीन पर रहकर काम करती है। बाढ़ के दौरान और पानी उतरने के बाद भी प्रभारी मंत्री अपने-अपने जिलों में प्रभावितों के बीच में हैं। प्रशासन भी पूरी ताकत के साथ हालात ठीक करने में जुटा है। उन्होंने कहा- मैं जब मुख्यमंत्री (Chief Minister) नहीं था, तब भी लोगों के बीच जाता था। शिवराज ने कमलनाथ की कार्यप्रणाली को लेकर तंज कसा। कहा- वे सुबह एक ट्वीट करते हैं। हर दिन इससे आसान राजनीति और क्या हो सकती है? कहीं न जाना और न आना। वे जब मुख्यमंत्री (Chief Minister) थे, तब सितंबर 2019 में मंदसौर, नीमच व रतलाम (Mandsaur, Neemuch and Ratlam) में बाढ़ से किसानों की फसल चौपट हो गई थी। एक सप्ताह तक ना तो वे (कमलनाथ (Kamalnath) गए और ना ही उनकी कैबिनेट का सदस्य किसानों का दर्द सुनने गया। उन्होंने कहा कि जब मैं मंदसौर में धरने पर बैठा था, उसके बाद कमलनाथ मंदसौर गए थे, लेकिन उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान उन किसानों को राहत राशि नहीं बांटी। वे अब हम पर सवाल उठा रहे हैं। उन्होंने कमलनाथ (Kamalnath) को सलाह दी है, पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी की जयंती पर संकल्प लें कि वे केवल सोशल मीडिया की राजनीति से दूर रहेंगे।

3 तरह से राहत दे रही सरकार
मुख्यमंत्री ने कहा, ग्वालियर-चंबल में आई बाढ़ के बाद सरकार पीडि़तों को 3 तरह से मदद की जा रही है। पहला- तात्कालिक राहत, दूसरा- पुनर्वास और तीसरा- बाढ़ में क्षतिग्रस्त हुए सड़कें व पुल-पुलिया का पुनर्निर्माण का काम, लेकिन इसमें समय लगेगा। उन्होंने कहा, फसलों के नुकसान का आकलन होने में समय लगेगा, जो तात्कालिक राहत राशि देने के साथ ही अनाज उपलब्ध कराया है।

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