इंदौर न्यूज़ (Indore News)

13 साल के मृत भाई को न्याय दिलाने पहुंची बहन, सबूतों की कमी… आरोपी को कोर्ट ने किया बरी

इंदौर। डकाच्या (Dakachya) में मेडिकल स्टोर (medical store) चलाने वाले दो परिवारों का मनमुटाव एक बच्चे की जान लेकर भी नहीं थमा। 13 साल के मृत भाई (dead brother) को न्याय दिलाने पहुंची बहन ने बताया कि सबूतों की कमी के कारण तीनों आरोपियों को कोर्ट ने बरी कर दिया है, लेकिन जिस भाई की कलाई पर सात साल की उम्र में राखी बांधी, उसे मैंने खोया है, मुझे न्याय चाहिए। जिला अभियोजन अधिकारी से मदद दिलाएंगे कलेक्टर।

आठ साल पहले डकाच्या में मेडिकल स्टोर संचालक के 13 साल के बेटे की अपहरण और हत्या के मामले में कोर्ट ने तीनों आरोपियों को सबूतों की कमी के चलते बरी कर दिया, लेकिन वह मां जिसने 9 महीने बेटे को कोख में रखकर पाला, वह बहन जो कई सालों से अपनी भाई की याद में तड़प रही है, उसने कलेक्टर के समक्ष एक बार फिर न्याय की गुहार लगाई है।


डकाच्या निवासी कृतिका पिता अशोक मिश्रा ने लिखित में शिकायत देते हुए बताया कि सुभाष पाटीदार पिता सुखराम, नानूराम व कन्हैयालाल द्वारा भाई का अपहरण किया गया और उसे गला दबाकर मौत के घाट उतार दिया गया। मंडलेश्वर पुल नर्मदा नदी में बाडी मिलने के बाद से ही कोर्ट से न्याय की उम्मीद थी, लेकिन साल दर साल बीते और कोई न्याय नहीं मिला। आखिरकार सबूतों की कमी के चलते उक्त अपराधियों को बाइज्जत बरी कर दिया गया। बहन अपने भाई की मौत पर न्याय चाहती है।

मदद के लिए दिलाएंगे वकील
कलेक्टर आशीषसिंह के समक्ष जनसुनवाई में आवेदन लेकर पहुंची रोते हुए आपबीती सुनाई और बताया कि न्याय पाने में मदद पाने की गुहार लगाई। जिला अभियोजन अधिकारी की मदद से कलेक्टर ने बालिका को वकील से मदद दिलाने का वादा किया और बार फिर केस को ओपन करने की बात कही। अब परिवार पुन: कोर्ट में आवेदन लगाने की तैयारी कर रहा है। ज्ञात हो कि 1 दिसम्बर 2015 में डकाच्या गांव में मेडिकल स्टोर चलाने वाले अशोक मिश्रा के 13 साल के बेटे का अपहरण कर फिरौती की मांग की गई और फिर मौत के घाट उतार दिया गया। गला दबाकर बच्चे को महेश्वर में नर्मदा नदी में फेंक दिया गया था। प्रत्यक्षदर्शी गवाह नहीं होने के कारण कोर्ट से तीनों बरी कर दिए गए।

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