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10 लाख युवाओं का कौशल विकास : एक हजार कंपनियां, 36 सेक्टरों में देंगी 500 तरह के काम-धंधे


नई दिल्ली । देशभर में (Across the Country) 13 जून को 200 से अधिक स्थानों पर (Over 200 Locations) मेलों में युवाओ को हजारों रोजगार उपलब्ध कराए जाएंगे (Thousands of Jobs will be Provided to the Youth in the Fairs) । इसके लिए 36 सेक्टरों में (In 36 Sectors) एक हजार से अधिक कंपनियां (One Thousand Companies) इसमें हिस्सा ले रही हैं। कंपनियां इन मेलों के जरिये 10 लाख से अधिक युवाओं (More than 10 Lakh Youths) को कौशल विकास प्रशिक्षण (Skill Development Training) से जोड़ेंगी (Will Connect) ।


पांचवीं से 12वीं कक्षा पास करने के प्रमाणपत्र वाले, कौशल विकास प्रमाणपत्र वाले, आईटीआई डिप्लोमाधारी या स्नातक डिग्रीधारी इन काम धंधों के अवसरों के लिए साक्षात्कार दे सकते हैं। उम्मीदवारों को विकल्प दिया जाएगा कि वे पांच सौ से अधिक काम-धंधों में से किसी का भी चयन करें, जिनमें वेल्डर्स, इलेक्ट्रीशियन, हाउसकीपर, ब्यूटीशियन, मेकेनिक और अन्य कार्य शामिल हैं। केंद्रीय कौशल विकास मंत्रालय के मुताबिक कार्पोरेट जगत में मैदानी प्रशिक्षण देने और रोजगार हासिल करने के मौके बढ़ाने के सम्बंध में युवाओं को अधिक अवसर प्रदान करने के लिये कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय अब हर महीने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय प्रशिक्षु मेलों का आयोजन करेगा। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय प्रशिक्षु मेले पर विचार व्यक्त करते हुये, कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के सचिव राजेश अग्रवाल ने कहा कि अप्रैल में आयोजित पहले वाले प्रशिक्षु मेले की सफलता को मद्देनजर रखते हुये हमने तय किया है कि हर महीने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय प्रशिक्षु मेले(पीएमएनएएम) का आयोजन किया जायेगा।

उन्होंने कहा कि हमें आशा है कि उम्मीदवार और प्रतिष्ठान, दोनों को कौशल विकास के इस तरीके से लाभ होगा, तथा हमारा लक्ष्य है कि इन मेलों के जरिये दस लाख से अधिक युवाओं को प्रशिक्षण में लगाया जाए। उन्होंने कहा कि इससे उम्मीदवारों को न सिर्फ मौके पर अनुभव मिलेगा, बल्कि स्थानीय स्तर पर विस्थापन की चुनौती का भी निराकरण होगा।इस कार्यक्रम का प्राथमिक लक्ष्य इन शहरों से प्रशिक्षुओं को रोजगार देने की प्रक्रिया को बढ़ावा देना है। साथ ही नियोक्ताओं की सहायता करना भी इसका उद्देश्य है, ताकि वे प्रशिक्षुओं की क्षमता को पहचानें और प्रशिक्षण तथा कौशल विकास के जरिये उनकी क्षमता में इजाफा करें। इससे कार्यस्थल की महत्ता बढ़ेगी। प्रशिक्षण अवधि पूरी हो जाने पर उम्मीदवारों को राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण परिषद द्वारा मान्यताप्राप्त प्रशिक्षु प्रमाणपत्र भी दिया जायेगा, जिससे प्रशिक्षुओं को उद्योगों में पहचान मिलेगी।

केंद्रीय कौशल विकास मंत्रालय के मुताबिक, प्रधानमंत्री राष्ट्रीय प्रशिक्षु मेलों में हिस्सा लेने वाले संगठनों को एक ही मंच पर भावी प्रशिक्षुओं से मिलने का अवसर मिलेगा। वे वहीं मौके पर उम्मीदावारों का चयन कर सकते हैं। इसके अलावा, कम से कम चार कामगारों वाले छोटे उद्यमों को भी एक ही जगह से प्रशिक्षुओं को रखने का मौका मिलेगा। क्रेडिट बैंक की अवधारणा को भी जल्द शुरू किया जायेगा, जिसमें प्रशिक्षण के दौरान जो क्रेडिट प्रशिक्षु अर्जित करेगा, उसे वहां जमा किया जायेगा। इन क्रेडिट प्वॉइंटों को आगे और योग्यता प्राप्त करने में इस्तेमाल किया जा सकेगा।

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