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कहीं आपको भी तो नहीं लगाई जा रही नकली वैक्‍सीन! केंद्र ने बताया कैसे करें पहचान

नई दिल्‍ली. कोरोना (Corona) के बढ़ते मामलों के बीच कोरोना वैक्‍सीन (Corona Vaccine) को सबसे बेहतर सुरक्षा उपायों में से एक माना जा रहा है. यही कारण है कि कोरोना की तीसरी लहर (Third Wave) के आने से पहले ज्‍यादा से ज्‍यादा लोगों को कोरोना वैक्‍सीन दिए जाने की बात कही जा रही है. एक ओर जहां कोरोना वैक्‍सीन प्रोग्राम (Corona Vaccine Program) को तेज करने की बात कही जा रही है तो वहीं दूसरी तरफ अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी फर्जी टीकों के कारोबार का खुलासा हुआ है.

बता दें कि हाल ही में दक्षिण-पूर्वी एशिया और अफ्रीका में नकली वैक्‍सीन पाई गई है, जिसके बाद विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने सभी देशों को फर्जी टीके को लेकर सचेत किया है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी फर्जी टीकों के पहुंचने की खबर मिलने के बाद केंद्र सरकार ने सभी राज्‍यों को कई ऐसे मानक की जानकारी दी है, जिससे ये पता लगाया जा सकेगा कि वैक्‍सीन असली है या निकली. केंद्र ने इस संबंध में सभी राज्‍य सरकारों को एक पत्र भी लिखा है.

पत्र के जरिए राज्‍यों को कोवैक्‍सीन, कोविशील्‍ड और स्‍पूतनिक-वी कोरोना वैक्‍सीन के बारे में कई तरह की जानकारी दी गई है. सरकार ने जो जानकारी दी है उससे आसानी से पता लगाया जा सकेगा कि वैक्‍सीन असली है या नकली. बता दें कि देश में इस समय तीन कोरोना वैक्‍सीन ही लगाई जा रही है. कोविशील्ड, कोवैक्सिन और स्पूतनिक-वी तीनों वैक्सीन के लेबल, उसके कलर, ब्रांड का नाम आदि से नकली और असली वैक्‍सीन की पहचान की जा सकती है.


कोविशील्ड (Covishield)

  • SII का प्रोडक्ट लेबल गहरे हरे रंग में होगा.
  • ब्रांड का नाम ट्रेड मार्क के साथ (COVISHIELD) लिखा दिखाई देगा.
  • इसके ऊपर CGS NOT FOR SALE भी लिखा होगा.

कोवैक्सीन (covaccine)

  • लेबल पर अदृश्य UV हेलिक्स लगा है. इस लेबल को सिर्फ यूवी लाइट में ही देखा जा सकता है.
  • लेबल क्लेम डॉट्स के बीच छोटे अक्षरों में COVAXIN लिखा है.
  • कोवैक्सिन में ‘X’ दो रंगों में दिखाई पड़ता है, इसे ग्रीन फॉयल इफेक्ट कहते हैं.

स्पूतनिक-वी (sputnik-v)

  • स्पूतनिक-वी वैक्सीन रूस में मौजूद दो प्‍लांट में तैयार की गई है. ऐसे में दोनों के लेबल अलग-अलग हैं. हालांकि दोनों में जानकारी एक जैसी ही है, बस मैन्युफेक्चरर का फर्क है.
  • रूस से अभी तक जितनी भी वैक्‍सीन भेजी गई हैं उसमें से सिर्फ 5 एमपूल के पैकेट पर ही इंग्लिश में लेबल लिखा है. इसके अलावा सभी पैकेटों में रूसी में लिखा है.
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