खेल भोपाल न्यूज़ (Bhopal News) मध्‍यप्रदेश

ओलंपिक पर खेल विभाग ने किया टॉक शो, अर्जुन अवॉर्डी प्रशिक्षकों ने की भागीदारी

भोपाल। प्रदेश में ओलंपिक के प्रति जन-जागरूकता लाने और खेल का वातावरण तैयार करने के उद्देश्य से गुरुवार को भोपाल के टीटी नगर स्टेडियम में एक टॉक शो का आयोजन किया गया। अर्जुन अवॉर्डी हॉकी ओलंपियन सैय्यद जलालुद्दीन, ओलंपियन एवं पुरुष हॉकी अकादमी के प्रशिक्षक समीर दाद, साईं भोपाल के मुख्य प्रशिक्षक हॉकी वाईएस चौहान, अर्जुन अवॉर्डी एवं मुख्य प्रशिक्षक सेलिंग जीएल यादव और अर्जुन अवॉर्डी एवं मुख्य प्रशिक्षक रोइंग कैप्टन दलबीर सिंह तथा जिला खेल अधिकारी भोपाल जोंस चाको ने परिचर्चा में भाग लिया।

टॉक शो से ऑनलाइन जुड़कर अर्जुन एवं द्रोणाचार्य अवॉर्डी और मध्य प्रदेश पुरुष हॉकी अकादमी के मुख्य प्रशिक्षक राजिंदर सिंह, लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्डी एवं मप्र राज्य महिला हॉकी अकादमी के मुख्य प्रशिक्षक परमजीत सिंह, डॉ करणी सिंह शूटिंग रेंज दिल्ली के एडमिनिस्ट्रेटर डॉ. जीपी गोस्वामी सहित प्रदेश के कई खिलाड़ी और खेल प्रेमियों ने परिचर्चा में हिस्सा लिया। खेल और युवा कल्याण मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया की पहल पर आयोजित इस टॉक शो का संचालन दामोदर आर्य ने किया।



कार्यक्रम में सैय्यद जलालुद्दीन ने कहा कि मुझे खुशी है कि खेल विभाग द्वारा टॉक शो का आयोजन किया गया, जिसके माध्यम से खिलाड़ियों और खेल प्रेमियों को इस कार्यक्रम से जुड़ने और ओलंपिक के संबंध में नई-नई जानकारियां जानने और सीखने का अवसर मिला। उन्होंने कहा कि मैं शुक्रगुजार हूं प्रदेश की खेल मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया जी का जिन्होंने भोपाल के ओलंपियन समीर दाद को मध्यप्रदेश राज्य पुरूष हॉकी अकादमी में कोच के रूप में सेवाएं देने का अवसर प्रदान किया।

सैय्यद जलालुद्दीन ने ओलंपिक के अपने संस्मरण सुनाते हुए कहा कि खिलाड़ी अपने आप को पहचान कर और अपनी कमियां दूर कर ही बहुत बेहतर कर सकता है। खिलाड़ी को उसकी कमियां उसके कोच ही बता सकते हैं और कोच की जिम्मेदारी है कि वह खिलाड़ी पर नजर बनाएं रखें। उन्होंने कहा कि ओलंपिक में मेडल जीतने वाला खिलाड़ी भी अगले दिन फिर प्रैक्टिस में जुड़ जाता है क्योंकि उसे अगला ओलंपिक जीतना होता है।

परिचर्चा में भाग लेते हुए ओलंपियन समीर दाद ने कहा कि खेल में जीत हार होती है और हार को स्वीकारना और जीते हुए खिलाड़ी से गले मिलना ही खेल भावना है। उन्होंने कहा कि हॉकी में पहले से काफी बदलाव आया है। खिलाड़ी को अपनी फिटनेस और खेल की स्पीड पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है।

वाईएस चौहान ने कहा कि खेल ऐसी विधा है जहां खिलाड़ी को कभी अपने परिवार या दोस्त के खिलाफ भी खेलकर जीत हार का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि ओलंपियन किस्मत वाले तो होते ही हैं साथ ही वे बहुत ही परिश्रमी भी होते हैं जो लक्ष्य बनाकर खेलते हैं।

कार्यक्रम में जीएल यादव ने कहा कि अच्छा खिलाड़ी वही होता है जिसमें खेल भावना जन्मजात होती है। ऐसे खिलाड़ी की तो सिर्फ प्रतिभा निखारने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि खेल मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया जी की पहल पर भोपाल में स्थापित नेशनल सेलिंग स्कूल के परिणाम हमारे सामने हैं। वाटर स्पोर्ट्स में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हमारे खिलाड़ी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर पदक जीत रहे हैं और मध्य प्रदेश का गौरव बढ़ा रहे हैं।

कैप्टन दलबीर सिंह ने बताया कि मध्यप्रदेश में खिलाड़ियों के लिए वे सब सुविधाएं उपलब्ध हैं, जिनकी आज खिलाड़ियों को जरूरत है। उन्होंने ओलंपिक में भागीदारी करने वाले मध्य प्रदेश के खिलाड़ियों का जिक्र करते हुए इसे बड़ी उपलब्धि बताया।

जिला खेल अधिकारी जोंस चाको के अलावा परिचर्चा में ऑनलाइन जुड़े राजिंदर सिंह, परमजीत सिंह, डॉ जीपी गोस्वामी आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए। अधिकांश वक्ताओं ने मध्य प्रदेश के खिलाड़ियों को मिल रही अंतर्राष्ट्रीय खेल सुविधाओं और उच्च स्तरीय प्रशिक्षण के लिए प्रदेश की खेल और युवा कल्याण मंत्री का धन्यवाद किया।

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