- गृह, वन विभाग की तरह अन्य विभागों में भी पदोन्नति दे सरकार
भोपाल। प्रदेश सरकार ने 6 साल से बंद पड़ी पदोन्नति का रास्ता निकालने के लिए हाल ही में कर्मचारी संगठनों से सुझाव मांगे हैं। इस बीच मप्र राज्य कर्मचारी कल्याण समिति ने राज्य शासन को पत्र लिखकर कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने पदोन्नति पर रोक नहीं लगाई है। ऐसे में सरकार वन, गृह विभाग की तरह अन्य विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारियों को पदोन्नति प्रदान करे। सुप्र्रीम कोर्ट की आड़ लेकर पदोन्नति से वंचित नहीं रखा जाए।
समिति ने सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखकर कहा है कि प्रदेश के शासकीय एवं अद्र्धशासकीय विभागों में पिछले 15 साल से पदोन्नति नहीं होने के कारण हजारों अधिकारी एवं कर्मचारी पदोन्नति में इंतजार में सेवानिवृत्त हो रहे हैं। गृह, वन विभाग के कर्मचारियों की पदोन्नति की गई है, लेकिन अधिकांश विभागों में पदोन्नति नहीं दी गई है। जिससे कर्मचारियों में असंतोष है।
समिति अध्यक्ष रमेशचंद शर्मा ने पत्र में लिखा कि सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नति नियम का प्रकरण विचाराधीन है, लेकिन कोर्ट ने पदेान्नति पर स्थगन नहीं दिया है। पदोन्नति का प्रकरण विचाराधीन है । इसके बावजूद भी राज्य प्रशासनिक सेवा, राज्य पुलिस सेवा, राज्य वित्त सेवा के अधिकारी, आईएएस, आईपीएस के साथ गृह, वन आदि विभागों के कर्मचारियों को पदोन्नति प्रदान की जा रही है। समिति ने शासन से मांग की है कि है कि अधिकारियों एवं कर्मचारियो को रिक्त पदों पर पदोन्नत किए जाने के संबंध में निर्देश जारी किए जाएं।
जारी है बैठकों का सिलसिला
राज्य शासन पदोन्नति को लेकर अभी तक कोई समाधान नहीं निकाल पाई है। इस संबंध में मंत्री समूह की बैठकें भी हो चुकी है। इसके बाद भी कोई रास्ता नहीं निकला है। सामान्य प्रशासन विभाग ने कर्मचारी संगठनों से ही सुझाव मांगे हैं। पदोन्नति को लेकर कर्मचारी संगठनों की प्रदेश मुख्यालय से लेकर जिला एवं तहसील स्तर पर बैठकों का दौर जारी है। ड्ड