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सुखबीर बादल ने सिद्धू को बताया कांग्रेस के लिए चुनौती, NDA में जाने को लेकर कही ये बात

नई दिल्ली: पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 (Punjab Assembly Elections 2022) के लिए कुछ ही महीने बाकी हैं. इस वक्त सारा ध्यान मुख्य रूप से कांग्रेस में चल रही आंतरिक कलह, आम आदमी पार्टी (AAP) द्वारा किए गए चुनावी वादों और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) के साथ भाजपा (BJP) की आगे बढ़ने की योजना पर केंद्रित किया गया है.

इस चुनाव में शिरोमणि अकाली दल (Shiromani Akali Dal) के खिलाफ कई तरह की संभावनाएं हैं, लेकिन इसके नेता और पूर्व उप-मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल (Sukhbir Singh Badal) जोर देकर कहते हैं कि दो खेमों में बंटी हुई कांग्रेस और “कमजोर” आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) हवा के रुख को अकाली दल के पक्ष में मोड़ सकती है.

हालांकि, बादल ने घोषणा की कि अकाली दल भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में वापस नहीं जाएगा, जिसे उसने पिछले साल कृषि कानूनों के विरोध में छोड़ दिया था. इतना ही नहीं, उन्होंने सत्तारूढ़ कांग्रेस (Congress) को आगामी विधानसभा चुनाव के लिए मौजूदा चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) को अपना मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने की चुनौती भी दी.


प्रश्न: क्या कृषि कानूनों को निरस्त करने के बाद चीजें बदल गई हैं?
उत्तर: कृषि कानूनों के कारण थोड़ा तनाव था. लोग आंदोलन की तैयारी में थे. रोज विरोध होता था, लेकिन अब सब कुछ सामान्य हो गया है.

प्रश्न: लेकिन किसान लगातार एमएसपी की मांग कर रहे हैं. क्या आपको लगता है कि यह उचित मांग है?
उत्तर: किसान देश का पेट भरता है. यदि वह कीमत के बारे में सुनिश्चित नहीं है और यदि आप किसी उत्पाद के अधिकतम खुदरा मूल्य को देखते हैं, तो आप समझेंगे कि एमएसपी होना क्यों महत्वपूर्ण है. खरीद के लिए किसान सरकार पर निर्भर है. जब पीएम नरेंद्र मोदी गुजरात के सीएम थे, तो उन्होंने सिफारिश की थी कि एमएसपी को कानूनी बनाया जाना चाहिए.

प्रश्न: अकालियों को कितना भरोसा है कि वे सत्ता में वापस आएंगे?
उत्तर: अकाली 100 साल पुरानी पार्टी है. झूठे प्रचार और झूठे वादों के कारण लोग बह गए और हम हार गए, लेकिन फिर भी हमारा वोट प्रतिशत बरकरार रहा. आम आदमी पार्टी नीचे चली गई है और कांग्रेस व अकालियों के बीच की खाई कम हो गई है.

प्रश्न: कांग्रेस में भी काफी बदलाव आया है. आपके सबसे कठिन प्रतिद्वंद्वी अमरिंदर सिंह अब कांग्रेस के साथ नहीं हैं. आपको लगता है कि इससे आपको मदद मिलेगी?
उत्तर: मैं ऐसा कुछ नहीं सोचता. वोटों का बंटवारा होगा. कांग्रेस में ऐसे कई हैं जिन्हें टिकट नहीं मिला, वे कैप्टन से जुड़ेंगे. कांग्रेस के अंदर जबरदस्त खींचतान चल रही है. चन्नी को सीएम के तौर पर काम नहीं करने दिया जा रहा है. सिद्धू तय करते हैं कि सरकार को कैसे चलाना चाहिए.


प्रश्न: महाधिवक्ता (Advocate General) के खिलाफ मुद्दा यह था कि उनके साथ समझौता किया गया था?
उत्तर: हर वकील का एक पेशेवर अधिकार होता है. उसके पास कोई भी जा सकता है. एक वकील एक वकील है. कोई यह नहीं कह सकता कि उसके साथ समझौता किया गया था. यह गलत है. सिद्धू को भी समझौतावादी कहा जा सकता है क्योंकि वह भाजपा के साथ थे.

प्रश्न: दलित वोटों को लुभाने की उम्मीद में आपने बसपा से गठजोड़ किया, लेकिन अब कांग्रेस एक दलित सीएम का जलवा दिखा रही है. क्या इससे आपके लिए चीजें कठिन हो जाती हैं?
उत्तर: बिल्कुल नहीं. क्या ये सच में मुख्यमंत्री हैं? क्या वह कांग्रेस की पसंद हैं? उन्हें वहां आए अभी दो महीने ही हुए हैं. क्या उन्हें काम करने की इजाजत है? मैं कांग्रेस को चुनौती देता हूं कि चन्नी को अपना सीएम चेहरा घोषित करें.

प्रश्न: क्या आप सिद्धू को एक चुनौती के रूप में देखते हैं?
उत्तर: नहीं, वह कोई चुनौती नहीं हैं. वह कांग्रेस के लिए चुनौती हैं. कांग्रेस को उनकी चिंता करने की जरूरत है.

प्रश्न: AAP के बारे में क्या?
उत्तर: आप एक बुलबुला था जो 2017 में हुआ था, लेकिन वे हर साल नीचे जा रहे हैं. केजरीवाल की सभाओं में करीब 300 लोग ही हैं. क्या आपको वहां कोई लहर दिखाई दे रही है?

प्रश्न: आपने एनडीए छोड़ने का कारण बदल दिया है. क्या आप कभी इसमें शामिल होंगे?
उत्तर: नहीं, उन्होंने हमें पीठ में छुरा घोंपा. वे हमें बताए बिना यह कानून लाए. उन्होंने हमें बताया कि यह सिर्फ एक कैबिनेट नोट था और इस पर बाद में चर्चा की जाएगी, लेकिन ऐसा कभी नहीं हुआ. उन्होंने कभी हमारी बात पर ध्यान देने की जहमत नहीं उठाई. हम कभी भी उनके पास वापस नहीं जा सकते.


प्रश्न: कैप्टन अमरिंदर सिंह के बारे में क्या? क्या आप कभी उनसे हाथ मिला सकते हैं?
उत्तर: कैप्टन का हमेशा से बीजेपी के लिए सॉफ्ट कॉर्नर रहा है. यहां तक ​​कि बीजेपी ने भी उन्हें पसंद किया है. कैप्टन खेल खेल रहे हैं, लेकिन हम नहीं खेल सकते. उन्हें कांग्रेस से जो मिला है, वह उसी के हकदार हैं. उन्होंने कभी कोई काम नहीं किया.

प्रश्न: आपके खिलाफ मामले खुल रहे हैं. आपने सुना सिद्धू क्या कह रहे थे…
उत्तर: अगर उनके पास सबूत हैं, तो मुझे गिरफ्तार कर लें. क्या वे मजीठिया के खिलाफ नशीली दवाओं के आरोप साबित कर सकते हैं? यह राजनीति से प्रेरित है.

प्रश्न: क्या आपको कैप्टन के लिए दुख है?
उत्तर: नहीं, जैसा कि मैंने कहा, वह इसके हकदार हैं. और मैं आपको बता दूं, कांग्रेस निर्दयी है. कल वे सिद्धू को भी बाहर कर देंगे. सिद्धू सिर्फ सीएम बनना चाहते हैं. एक दिन उन्हें अपनी पार्टी बनानी होगी.

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