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सायबर फ्रॉड के झांसे में आ गई सुप्रीम कोर्ट की वकील, 9 दिन डिजिटल अरेस्ट रख सवा 3 करोड़ ठगे

July 03, 2025

नई दिल्‍ली । साइबर अपराधियों(Cybercriminals) ने नोएडा सेक्टर-47(Noida Sector-47) में रहने वाली सुप्रीम कोर्ट(Supreme Court) में वकील रह चुकी बुजुर्ग महिला(elderly woman) को नौ दिन तक डिजिटल अरेस्ट(Digital Arrest) कर तीन करोड़ 29 लाख रुपये ठग लिए। आरोपियों ने उनसे दिल्ली, महाराष्ट्र और कोलकाता में खुले बैंक खातों में रकम ट्रांसफर कराई। आशंका जताई जा रही है कि ठगी की रकम किराये के खातों में गई।


पूछताछ के क्रम में जालसाजों ने महिला को 16 जून से 24 जून तक डिजिटल अरेस्ट करके रखा। महिला के बैंक खातों और उसमें जमा राशि के बारे में जानकारी एकत्र की। महिला से कहा गया कि वह अपनी एफडी तुड़वा लें और सारी रकम उनके बताए गए खाते में ट्रांसफर कर दें। ठगों द्वारा यह भी वादा किया गया कि जांच के बाद पूरी रकम मूल खाते में वापस आ जाएगी। महिला को लगा वह सच में बड़े संकट में फंस गई हैं और पुलिस अधिकारी उसको केस से बाहर निकालने में मदद कर रहे हैं। झांसे में आने के बाद महिला ने ठगों द्वारा बताए खाते में पांच बार में करीब तीन करोड़ 30 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए।

महिला ने बताया कि जिस समय ठगों ने कॉल की, उस वक्त वह घर में अकेली थीं। ठगों ने महिला को हिदायत और चेतावनी दी कि अगर इस संबंध में उन्होंने घर के किसी अन्य सदस्य को बताया तो परिवार के अन्य लोग भी जेल जा सकते हैं। महिला के बेटी और बेटे बाहर थे। इस दौरान बच्चों ने मां को कई बार कॉल की, लेकिन उनको कोई बात नहीं बताई। कई दिन बाद जब महिला ज्यादा परेशान रहने लगी तब उन्होंने बेटे को पूरी आपबीती बताई।

बेटे ने कहा कि वह साइबर ठगी का शिकार हो गई हैं। इसके बाद मामला पुलिस स्टेशन तक पहुंचा। महिला ने ट्रांजेक्शन संबंधी सभी दस्तावेज पुलिस को सौंपे हैं। महिला के घर पड़ोसियां का आना-जाना नहीं था। ऐसे में नौ दिन की अवधि में कोई आया ही नहीं। दिन-रात ठग वीडियो कॉल से महिला पर नजर बनाए रहे। समय-समय पर महिला को रिपोर्ट करने के लिए कहा गया और वह ऐसा ही करती रहीं।

फंसने के बारे में परिवार को जानकारी नहीं दी : महिला ने कहा कि वह पेशे से अधिवक्ता थीं। आरोपियों को सजा दिलाने के लिए जूझी। एक छोटी सी गलती और डर ने जिंदगी भर की जमा पूंजी गंवा दी। महिला ने कहा कि शुरुआत में उन्हें लगा घर के सदस्यों से इस बारे में बात की जाए, लेकिन ठगों ने ऐसा डर बैठा दिया कि वह कुछ समझ नहीं पा रही थीं। जैसा ठग कह रहे थे, वह वैसा ही करती जा रही थीं। इस दौरान महिला की बेटी ने परेशान होने का कारण भी पूछा पर उन्होंने कुछ नहीं बताया।

कोई भी जांच एजेंसी इस तरह पूछताछ नहीं करती

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि देश की कोई भी जांच एजेंसी डिजिटल अरेस्ट नहीं करती है। यदि वीडियो कॉल पर पुलिस, सीबीआई, सीआईडी आदि के अधिकारी आ जाएं तो सब फर्जी होता है। इस तरह की कॉल आने पर कॉलर से कहें कि लोकल पुलिस के साथ घर आकर पूछताछ करें।

साइबर ठगी होने पर यहां शिकायत करें

साइबर ठगी होने पर जितना जल्दी शिकायत दर्ज कराएंगे, उतना धनराशि फ्रीज कराने में आसानी होगी। ठगी होने के 24 घंटे के भीतर टोल फ्री नंबर 1930 या नेशनल साइबर क्राइम पोर्टल cybercrime.gov.in पर शिकायत अवश्य दर्ज करा दें।

साइबर ठगी से बचने के लिए ये सावधानी बरतें

अगर कोई अनजान व्यक्ति पार्सल में ड्रग्स होने की बात कहे तो पुलिस से संपर्क करें।

कोई फोन कॉल करके लोन दिलाने के लिए कहे तो उसके झांसे में बिल्कुल न आएं।

अनजान व्यक्ति से बैंक खाता, आधार नंबर, पेन आदि अन्य जानकारी साझा न करें।

अगर कोई अनजान व्यक्ति किसी सोशल मीडिया ग्रुप में जोड़ता है तो उससे इसका कारण पूछें।

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