डेस्क: बैंकिंग धोखाधड़ी (banking fraud) को रोकने के लिए सरकार (Goverment) ने एक ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ (‘Surgical Strike’) की है, जिसमें 1.4 लाख से अधिक फर्जी मोबाइल नंबरों (fake mobile numbers) को ब्लॉक (Block) किया गया है. यह कदम दूरसंचार विभाग (DoT) और भारतीय बैंकिंग संघ (IBA) के संयुक्त प्रयास से उठाया गया है.
रिपोर्ट के अनुसार, इन फर्जी नंबरों का इस्तेमाल बैंकिंग धोखाधड़ी, वित्तीय घोटालों और अन्य अवैध गतिविधियों के लिए किया जा रहा था. इन नंबरों को ब्लॉक करके, सरकार ने इन अपराधियों पर लगाम लगाने की कोशिश की है.
बैंकिंग धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों के बीच सरकार की यह कार्रवाई महत्वपूर्ण है. पिछले कुछ वर्षों में, बैंकिंग धोखाधड़ी के मामलों में काफी वृद्धि हुई है. 2023 में, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बताया था कि बैंकिंग धोखाधड़ी के मामलों में 12% की वृद्धि हुई है.
DoT ने इन नंबरों को किया ब्लॉक
- रजिस्ट्रेशन के दौरान गलत जानकारी दी गई.
- KYC (Know Your Customer) दस्तावेज जमा नहीं किए गए.
- एक ही पते पर कई सिम कार्ड जारी किए गए.
- संदिग्ध गतिविधियों में शामिल.
यह कार्रवाई बैंकिंग ग्राहकों के लिए एक बड़ी राहत होगी. अब, ग्राहकों को बैंकिंग धोखाधड़ी का शिकार होने की चिंता कम होगी. हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह केवल एक शुरुआती कदम है. बैंकिंग धोखाधड़ी को पूरी तरह से रोकने के लिए, सरकार को और भी कई कदम उठाने होंगे.
सरकार को निम्नलिखित उपायों पर भी विचार करना चाहिए
- बैंकिंग प्रणाली को मजबूत करना.
- ग्राहकों को जागरूक करना.
- धोखाधड़ी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करना.
- इन उपायों के माध्यम से, सरकार बैंकिंग धोखाधड़ी को रोकने में सफल होगी और बैंकिंग ग्राहकों को सुरक्षित रख सकेगी.
DoT ने पहले भी की है कार्रवाई
बैंकिंग फ्रॉड को रोकने के लिए दूरसंचार विभाग पहले भी कार्रवाई कर चुका है, जिसमें 3.5 लाख सिम को बंद किया गया था. साथ ही इसमें कई आरोपियों को गिरफ्तार भी किया गया था, जो फोन के जरिए बैंकिंग फ्रॉड को अंजाम देते थे.