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स्‍वाति मालीवाल मामला : CM के पीए बिभव कुमार पर कौन सी लगी FIR की धाराएं, जाने कितनी हो सकती है सजा?

नई दिल्‍ली (New Delhi) । दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष और आम आदमी पार्टी की सांसद स्वाति मालीवाल (AAP MP Swati Maliwal) से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Chief Minister Arvind Kejriwal) के सरकारी आवास पर उनकी पीए बिभव कुमार (PA Bibhav Kumar) द्वारा कथित मारपीट के मामले में दिल्ली पुलिस ने जांच तेज कर दी है। इसी क्रम में दिल्ली पुलिस की एक टीम ने फोरेंसिक विशेषज्ञों के साथ शुक्रवार (17 मई) को मुख्यमंत्री आवास का दौरा किया और वहां मालीवाल पर हुए कथित हमले के संबंध में सबूत इकट्ठा किए।

अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने घटनाक्रम की पुष्टि के लिए मुख्यमंत्री आवास से 8 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज एकत्र की है। उन्होंने कुछ सुरक्षाकर्मियों के बयान भी दर्ज किए, जो घटना के समय वहां मौजूद थे। दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के मुताबिक, पुलिस की एक टीम मुख्यमंत्री के सहयोगी एवं मामले में आरोपी बिभव कुमार के घर भी गई, लेकिन वह वहां मौजूद नहीं थे। बिभव पर मालीवाल के साथ मारपीट करने का आरोप है।


इससे पहले दिन में तीस हजारी कोर्ट में एक मजिस्ट्रेट के सामने स्वाति मालीवाल का बयान दर्ज किया गया। पुलिस ने मामले में एक दिन पहले ही बिभव कुमार के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का प्रयास, महिला के खिलाफ आपराधिक बल के इस्तेमाल समेत IPC की धारा 354, 506, 509, 323 के तहत केस दर्ज किया है। अब सवाल उठता है कि अगर केजरीवाल के पीए बिभव कुमार पर मालीवाल के आरोप सच साबित होते हैं तो उन्हें कितनी सजा होगी। पुलिस ने प्राथमिकी में जो धाराएं लगाई हैं, उसके मुताबिक क्या-क्या सजा का प्रावधान कानूनी किताब में है।

क्या कहती हैं IPC की धाराएं?
IPC की धारा 354 किसी भी स्त्री की मर्यादा को ठेस पहुंचाने से संबंधित है। इसमें दोषी व्यक्ति को एक से पांच साल तक की जेल हो सकती है। इसके अलावा कोर्ट दोषी शख्स पर जुर्माना भी लगा सकता है। IPC की धारा 506 आपराधिक धमकी से जुड़ा है। इसके तहत दो साल की सजा या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है। IPC की धारा 509 किसी भी महिला को अपमानित करने के लिए कुछ कहना, इशारे करना या कुछ हरकत करने से जुड़ा है। इसके तहत भी अधिकतम दो साल की कैद या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।

इसके अलावा IPC की धारा 323 किसी भी शख्स को जानबूझकर चोट पहुंचाने से संबंधित है। इसके तहत दोषी को एक साल की सजा या जुर्माना या दोनों हो सकता है। अगर पुलिस मालीवाल के अन्य आरोपों पर गैर इरादन हत्या यानी आईपीसी की धारा 304 के तहत भी आरोप लगाती है और वह जांच में सच साबित होता है तो अदालत बिभव कुमार को इस धारा के जुर्म में 10 साल कैद या आजीवन कारावास की भी सजा सुना सकती है। इसके अलावा जुर्माना भी लगा सकती है।

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