ना कोई जानता है ना कोई पहचानता है… कमलनाथजी ने पुडिय़ा थमाई और अक्षय ने खुद को नेता मान लिया… चार दिन की राजनीति और सीधे विधायकी का ख्वाब… ना पार्षद का चुनाव लड़ा… ना संगठन में चेहरा दिखा… ना गांधी भवन की सीढिय़ा चढ़ीं और ना धक्कों में कपड़ों की क्रिज बिगड़ी… ना नेताओं […]