ब्‍लॉगर

सावन के झूले और रक्षाबंधन

-रमेश सर्राफ धमोरा ‘सावन के झूलों ने मुझको बुलाया, मैं परदेसी घर वापस आया’। सावन आते ही लोगों की जुबान पर ऐसे गाने खुद-ब-खुद आने लगते हैं। पहले लोगों को सावन के महीने का बेसब्री से इंतजार रहता था। सावन शुरू होते ही गांव की गलियों से लेकर शहरों तक झूले पड़ते थे। महिलाएं झूला […]