ब्‍लॉगर

वामपंथ व दक्षिणपंथ में सुविचारित विभाजन नहीं

– हृदयनारायण दीक्षित भारतीय राजनीति लोकमंगल का उपकरण है। सभी दल अपनी विचारधारा को देशहित का साधन बताते हैं। विचार आधारित राजनीति मतदाता के लिए सुविधाजनक होती है। भिन्न-भिन्न दल अपनी विचारधारा के आधार पर कार्यकर्ता गढ़ते हैं और कार्यकर्ताओं के माध्यम से लोकमत बनाते हैं। यह एक आदर्श स्थिति है लेकिन भारतीय राजनीति में […]