भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

अनिल खरे: अपने लिए जिये तो क्या जिये तू जी ए दिल ज़माने के लिए

यही जिंदगी मुसीबत यही जिंदगी मसर्रत यही जिंदगी हक़ीक़त यही जिंदगी फ़साना। वो टूट गए होते…या अपनी जि़ंदगी अफसोस और आंसुओं के हमराह काट रहे होते। 65 बरस के अनिल खरे साब की जि़ंदगी के नशेबो फऱाज़ की कहानी किसी ट्रेजिक फि़ल्म या गमगीन नावेल का हिस्सा महसूस होती है। अनिल राज्य सड़क परिवहन निगम […]