इंदौर न्यूज़ (Indore News)

3 हजार एकड़ पर घोषित योजनाओं की जमीनों का मालिकाना हक मिलेगा प्राधिकरण को

शासन ने महत्वपूर्ण आदेश जारी कर दी बड़ी राहत, अब राजस्व रिकॉर्ड के कालम पांच में मूल भूमि स्वामी के रूप में तहसीलदार दर्ज कर सकेंगे नाम… निजी जमीन मालिकों को भी नहीं होगी परेशानी

इंदौर, राजेश ज्वेल। शासन के राजस्व विभाग (revenue Department) ने प्राधिकरण को एक बड़ी राहत दी है। प्रमुख सचिव द्वारा भेजे गए आदेश के बाद अब टीपीएस योजनाओं (TPS Scheme) में शामिल निजी और सरकारी जमीनों का मालिकाना हक नामांतरण के साथ प्राधिकरण को मिल सकेगा। अभी आधा दर्जन योजनाओं में शामिल लगभग 3 हजार एकड़ जमीनों के राजस्व रिकॉर्ड (Record) संशोधित ना होने के कारण प्राधिकरण एक्ट के तहत 50 फीसदी जमीन वापस लौटाने के साथ अन्य प्रक्रिया में परेशानी उठा रहा था। मगर अब इस आदेश के बाद तहसीलदार राजस्व रिकॉर्ड के कॉलम 5 में प्राधिकरण के नाम जमीन कर सकेंगे और तहसीलदार नामांतरण के साथ इस प्रक्रिया को पूरी करेंगे, जिससे प्राधिकरण के साथ-साथ निजी जमीन मालिकों को भी भविष्य में कोई परेशानी नहीं आएगी।


दरअसल यह विसंगति लैंड पुलिंग एक्ट के चलते सामने आई, जिसमें 50 फीसदी जमीन वापस उसके मालिक को लौटाना है। प्राधिकरण अब नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम के तहत बने नियमों के मुताबिक नगर विकास स्कीम यानी टीपीएस घोषित करता है। अभी टीपीएस-1, 3, 5, 8, 9, 10 पर काम चल रहा है, जिसके लिए प्राधिकरण ने एक हजार करोड़ रुपए से अधिक के विकास कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति भी बोर्ड से ले ली है और टेंडर प्रक्रिया कर मास्टर प्लान की सडक़ों के साथ-साथ अन्य मुख्य सडक़, ड्रेनेज, पेयजल लाइन, उद्यान सहित अन्य इन्फ्रास्ट्रक्चर के काम इन टीपीएस योजनाओं में करवा रहा है। मगर एक बड़ी समस्या अभी यह आ रही थी कि प्राधिकरण के नाम पर जमीन की रजिस्ट्री होने और फिर राजस्व रिकॉर्ड के कॉलम 5 में एंट्री नहीं हो पा रही थी, जिसके चलते प्राधिकरण निजी जमीन मालिकों के नाम पर भी 50 फीसदी जमीन नहीं कर पा रहा था। मगर अब राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव निकुंज कुमार श्रीवास्तव ने एक तीन पेज का आदेश सभी कलेक्टरों के लिए जारी किया है, जिसमें धारा 50 के तहत घोषित की गई योजनाओं में मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता के तहत कार्रवाई किए जाने का आदेश है। दरअसल अभी टीपीएस योजनाएं धारा 49, 50 और 56 के तहत बनाई जाती है, जिसके चलते भू-राजस्व अभिलेख में संशोधन करना जरूरी थे, जो अब शासन ने कर दिए हैं। हालांकि तत्कालीन कलेक्टर मनीष सिंह ने राजस्व अमले को रिकॉर्ड संशोधन के निर्देश दिए थे, ताकि प्राधिकरण की समस्या हल हो सके। इसके लिए कॉलम 12 में नाम दर्ज करने का रास्ता निकाला था, मगर उससे भी बात नहीं बनी, क्योंकि जब तक कॉलम 5 में मूल भूमि स्वामी के रूप में प्राधिकरण का नाम दर्ज नहीं होता, तब तक नामांतरण सहित अन्य प्रक्रिया तहसीलदार पूरी नहीं कर पाता। मगर अब राजस्व विभाग के इस नए आदेश के चलते प्राधिकरण को टीपीएस में शामिल योजनाओं का मालिकाना हक मिल जाएगा, जिसके चलते निजी जमीन मालिकों को भी भविष्य में किसी तरह की परेशानी नहीं आएगी। वरना जमीन बेचने या अन्य कोई अनुमति लेते वक्त 50 फीसदी जमीन हासिल करने वाले भू स्वामी भी परेशान होते रहते। अब शासन के इस आदेश के चलते कलेक्टर द्वारा इस संबंध में तहसीलदारों के लिए आदेश जारी किए जाएंगे।

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