नईदिल्ली । केंद्र सरकार (Central Government) ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में नियुक्ति के लिए (For Appointment) दो और जजों (Two More Judges) जस्टिस राजेश बिंदल (Justice Rajesh Bindal) और जस्टिस अरविंद कुमार (Justice Aravind Kumar) के नामों को मंजूरी दे दी (Has Approved the Names) । जस्टिस बिंदल इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस हैं और ऑल इंडिया सीनियरिटी लिस्ट में नंबर दो पर हैं। जस्टिस अरविंद कुमार गुजरात हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस हैं। देश में वरिष्ठता सूची में वह 26वें नंबर पर हैं।
कॉलेजियम में जब उनके नाम पर विचार हुआ था तो जस्टिस केएम जोसेफ ने राय दी थी कि उनका नाम बाद में भेजा जा सकता है, लेकिन कॉलेजियम की ओर से 31 जनवरी को इन दोनों जजों के नाम की सिफारिश केंद्र सरकार को भेजी गई थी। कानून मंत्री किरण रिजीजू ने 10 फरवरी को ट्वीट कर बताया कि इन दोनों नामों को सरकार ने मंजूरी दे दी है। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 31 जनवरी को जस्टिस राजेश बिंदल और जस्टिस अरविंद कुमार के नाम की सिफारिश की थी। 6 सदस्यीय कॉलेजियम ने अपनी सिफारिश के संबंध में विस्तृत विवरण भी प्रकाशित किए था।
वर्तमान में इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस राजेश बिंदल पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट से संबंधित हैं। कॉलेजियम ने अपनी सिरफारिश में बताया है कि पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट का सुप्रीम कोर्ट में पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं है। बता दें कि गुजरात हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस अरविंद कुमार का ताल्लुक कर्नाटक हाईकोर्ट से है।
जस्टिस बिंदल और जस्टिस कुमार की पदोन्नति के साथ ही सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या 34 हो जाएगी। यह संख्या उच्चतम न्यायालय के कामकाजी क्षमता को पूर्ण करने वाला है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में जजों की इतनी संख्या सितंबर 2019 से नवंबर 2019 के बीच थी। तब सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई थें।
सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस के एम जोसेफ ने जस्टिस अरविंद कुमार की पदोन्नति पर आपत्ति दर्ज करायी है। दरअसल कर्नाटक हाईकोर्ट से ताल्लुक रखने वाले गुजरात हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अरविंद कुमार अखिल भारतीय वरिष्ठता सूची में 26वें नंबर पर हैं। इस कारण जस्टिस जोसेफ का तर्क है कि जस्टिस अरविंद कुमार के नाम पर बाद में विचार किया जाना चाहिए । ताजा मंजूरी से पहले केंद्र सरकार ने चार फरवरी को पांच जजों के नाम मंजूर किए थे । कॉलेजियम ने ये नाम दिसंबर 2022 में भेजे थे। केंद्र की मंजूरी के बाद 6 फरवरी को जस्टिस पंकज मित्तल, संजय करोल, पीवी संजय कुमार, अशानुद्दीन अमानुल्ला और मनोज मिश्रा ने शपथ ली थी।
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