इंदौर न्यूज़ (Indore News) मध्‍यप्रदेश

इंदौर से भागी कंपनी ने ठगी के पैसे से आगरा में बनाए 79 फ्लैट

  • सेबी ने किए सील, ईओडब्ल्यू ने एक और डायरेक्टर को जेल से किया गिरफ्तार

इंदौर। शहर में करोड़ों की ठगी कर भागी एक कंपनी ने ठगी के पैसे से आगरा में 79 फ्लैट बनाए थे, जो सेबी ने सील कर दिए हैं। वहीं कंपनी के एक और डायरेक्टर को कल ईओडब्ल्यू ने जेल से गिरफ्तार किया है। अब तक चार आरोपी गिरफ्तार होकर जेलों में हैं, जबकि सात आरोपी अभी भी फरार हैं।

ईओडब्ल्यू के टीआई आरसी पाटीदार ने बताया कि कुछ साल पहले इंदौर में सनशाइन इंफ्रा बिल्ड नामक एक एडवाइजरी कंपनी ने ऑफिस खोला था। इसमें लोगों को छह साल में पैसा दोगुना करने और अन्य स्कीम के तहत पैसा जमा करवाया। इसके बाद एफडी पकने के पहले ही यह कंपनी ऑफिस बंद कर लोगों के करोड़ों रुपए लेकर भाग गई थी। ईओडब्ल्यू ने कंपनी के 11 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया था। इनमें से एक डायरेक्टर मुकेश पिता पेजराम बघेल निवासी ग्वालियर को पुलिस ने कल गिरफ्तार किया। वह पहले कोरबा और फिर दुर्ग जेल में केस में बंद था। कुछ दिन पहले आलीराजपुर पुलिस ने उनके यहां के केस में उसे गिरफ्तार किया था। कल ईओडब्ल्यू की टीम ने उसे आलीराजपुर जेल से रिमांड पर लेकर अपने केस में गिरफ्तार किया। पाटीदार ने बताया कि कंपनी ने ठगी के पैसे से आगरा में 79 फ्लैट बनाए थे। इन फ्लैटों को कुछ दिन पहले सेबी ने सील कर दिया है। इसके अलावा इनके कई शहर में खरीदे गए एक दर्जन ऑफिस भी सील किए गए हैं। 


कई राज्यों में कंपनी पर दर्ज हैं 28 केस

पाटीदार ने बताया कि कंपनी के खिलाफ दिल्ली, राजस्थान, मध्यप्रदेश, हरियाणा और छत्तीसगढ़ में 28 केस दर्ज हैं। हर राज्य के दो-तीन शहरों में कंपनी के कर्ताधर्ताओं ने ऑफिस खोले और लोगों को चूना लगाकर चंपत हो गए थे।

एक दर्जन ऑफिस और बैंक खाते भी सील
जांच अधिकारी ने बताया कि सेबी ने इस मामले में जांच तेज करते हुए कंपनी के दिल्ली सहित एक दर्जन ऑफिस भी सील कर दिए हैं। कुछ आरोपियों द्वारा खरीदे हुए तो कुछ किराए से लिए गए थे। इसके अलावा सभी 11 आरोपियों के बैंक खाते भी सील कर दिए गए हैं। उनमें भी करोड़ों रुपए जमा हैं। कंपनी के भी कुछ खाते सील किए गए हैं।

तीन आरोपियों को पहले भी जेल से लाकर किया था गिरफ्तार
कंपनी में 11 डायरेक्टर थे। सभी ग्वालियर और यूपी के हैं। इनमें से चार डायरेक्टर जेल में बंद हैं, बाकी फरार हैं। इसमें पहले ईओडब्ल्यू की टीम ने इस केस में एक डायरेक्टर हरीश बाबू को मंदसौर जेल से गिरफ्तार किया था, जबकि दो आरोपियों धर्मेंद्र और सुरेंद्र को झालावाड़ की जेल से गिरफ्तार किया था। बाकी आरोपियों की तलाश में कई राज्यों की पुलिस सक्रिय हो गई है।

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