भोपाल न्यूज़ (Bhopal News) मध्‍यप्रदेश

सीहोर पर भारी न पड़ जाए कोरोना जांच की धीमी गति

सीहोर। जिले में रफ्तार पकड़ चुके कोरोना के आंकड़े अब लोगों को चिंतित करने लगे हुए है, अब प्रतिदिन ही पाजीटिव मरीजों के मिलने का सिलसिला जारी है, लेकिन एक बात लोगों को आसानी से समझ नहीं आ रही है वह यह है कि जिस समय मरीजों की संख्या कम थी, उस समय प्रतिदिन सैंपल लेने और जांच की संख्या काफी ज्यादा हुआ करती थी, लेकिन अब जब पाजीटिव ज्यादा मिल रहे है। सैंपल और जांच की संख्या काफी कम हो रही है।
जानकारी के अनुसार यह बात सर्वविदित है कि कोरोना काल में स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ चिकित्सकों सहित पूरे अमले ने कड़ी मेहनत की ओर कोरोना नियंत्रण को लेकर अपना उल्लखेनीय योगदान दिया, लेकिन पिछले कुछ दिनों से जांच की धीमी गति चिंता का कारण बनी हुई है। जहां यह उल्लखेनीय है कि परसो जब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रालय में प्रदेश में कोरोना की स्थिति और व्यवस्थाओं की समीक्षा की थी जब समीक्षा में पाया गया कि सीहोर जिले में टेस्टिंग कम है नसरुल्लागंज में पिछले दिनों अधिक प्रकरण आए है आवश्यकता होने पर लॉक डाउन किया जा सकता है। टेस्टिंग कम होने की बात सामने आने के बाद भी जिले का स्वास्थ्य अमला गंभीर नहीं हुआ है ओर रविवार को सिर्फ 15 सैंपल जांच के लिए गए।
जिले में स्वास्थ्य विभाग प्रतिदिन हैल्थ बुलेटिन जारी करता है जिसमें यह देखने को मिलता है कि पूर्व के दिनों में पाजीटिव कई दिन बाद दर्शाए जाते है। इसी प्रकार पाजीटिव की मृत्यु के एक मामले में एक दिन बाद जानकारी सार्वजनिक की गई। ऐसा भी देखने को मिलता है जब किसी क्षेत्र में पाजीटिव मरीज मिलने के बाद उस क्षेत्र को कंटेनमेंट एरिया तो बना दिया जाता है, लेकिन कंटेनमेंट एरिया बनने के छह सात घंटे बाद भी स्वास्थ्य विभाग पाजीटिव की संख्या को नकारता रहता है। नेशनल बुलेटिन सुबह आता है, राज्य का बुलेटिन शाम को आता है, लेकिन सीहोर का बुलेटिन या शार्ट नोट आने का कोई समय निश्चित नहीं है, कभी सुबह, कभी दोपहर और कभी शाम को जानकारी दी जाती है, जिससे भ्रम की स्थिति बनी रहती है।
मानव संसाधन सुनिश्चित करना भूले: जिला स्वास्थ्य विभाग ने 16 मई को संसोधन विज्ञप्ति जारी की थी कि जिसमें कोविड-19 महामारी के रोकथाम हेतू मानव संसाधन सुनिश्चित करने के लिए अनेक पदों पर अस्थाई नियुक्ति के आवेदन मांगे, इस संबंध में तीन जुलाई को मिशन संचालक ने मानव संसाधन उपलब्ध कराने के लिए अनुमोदन दे दिया, इसमें 12 चिकित्सक, छह एनेस्थिशिया विशेषज्ञ चिकित्सा अधिकारी, आयुष चिकित्सा अधिकारी, लैब टेक्रिशयन, फार्मस्टि और स्टाफ नर्स के पद शामिल है। कोरोना महामारी नियंत्रण के लिए 159 लोगों की तैनाती करने की आवश्यकता जताई तो गई, लेकिन अब तक तैनाती नहीं की गई है, जब बीमारी गंभीर है और जैसा की शासकीय आंकड़े बता रहे है लगातार बीमारी का दायरा और क्षेत्र बढ़ रहा है, उसके बाद भी 159 लोगों की नियुक्ति या तैनाती करने में विलंब होना अपने आप में चिंताजनक है।
उजागर हुई लापरवाही: कोरोना काल के शुरूआती दौर में कोरोना पाजीटिव मिलने पर कुछ पाजीटिव के संपर्क में आने वाले लोगों के सैंपल तत्काल लिए जाते थे, लेकिन कुछ दिनों से ऐसा नहीं हो रहा है।  एक जानकारी नसरुल्लागंज में चर्चित हुई थी, एक लैब में काम करने वाला व्यक्ति पाजीटिव हुआ था, उसके संपर्क में आने वाले लगभग 36 लोगों की सूची स्वास्थ्य विभाग को मिली थी, लेकिन सभी के सैंपल नहीं लिए गए, इसी प्रकार जिले के अन्य क्षेत्रों से बीते दो तीन दिनों से ऐसी जानकारी सामने आ रही है।
तो थमा दिया नोटिस: जिले में किल कोरोना अभियान चलाया गया और उसे काफी हद तक कामयाब बताया जा रहा है। शुरूआती जानकारी यह भी सामने आई कि किल कोरोना अभियान में कोरोना कम बीपी और शुगर के मरीज ज्यादा मिले हालंकि अभियान समाप्त हो जाने के बाद भी विभाग ने किल कोरोना अभियान के आंकड़े जारी नहीं किए है। लेकिन जिला मुख्यालय पर ऐसी जानकारी सामने आई है कि जिसके बाद ग्रामों में अभियान कैसे चला होगा इसका अंदाज लगाया जा सकता है, बताया गया है कि नगर के एक क्षेत्र में कोरोना पाजीटिव मिला और जब स्वास्थ्य विभाग की टीम उस क्षेत्र में पहुंची क्षेत्र की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका, आशा कार्यकर्ता को मौके पर बुलाया तो पता चला कि कार्यकर्ता ने तीन से 16 जुलाई तक अवकाश चाहा था, स्वीकृत नहीं होने पर भी 17 जुलाई को वह कर्तव्य पालन से वह गैर हाजिर थी, खास बात यह है कि पाजीटिव मरीज भी उनका रिश्तेदार है और वह लगातार कई दिनों तक गैर हाजिर पाई गई तब वरिष्ठ अधिकारियों की जानकारी में मामला आने पर 17 जुलाई को आनन-फानन में उस कार्यकर्ता को नोटिस जारी किया गया।
इनका कहना है
 जिले में कुल कोराना पॉजीटिव व्यक्तियों की संख्या 106 है जिसमें से 5 की मृत्यु हो चुकी है 33 स्वस्थ्‍ होकर डिस्चार्ज हो गए है तथा वर्तमान में 70 पॉजीटिव व्यक्तियों का उपचार चल रहा है। जिले से अब तक कुल 2294 सेम्पल जांच के लिए भेजे गए थे जिनमें से 2054 सेंपलों  की रिपोर्ट अब तक निगेटिव प्राप्त हुई है। अभी तक हास्पिटल आईसोलेशन में भर्ती मरीजों की कुल संख्या 14 है। 103 सैंपलों की रिपोर्ट आना शेष है। पैथालॉजी द्वारा कोरोना वायरस सेंपल की रिजेक्ट संख्या कुल 29 है। वहीं विदेश से आए यात्री जो गृह जिला या निवासरत जिला में वापस नहीं आए उनकी संख्या 48 है।
– डॉ सुधीर कुमार डेहरिया, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, सीहोर
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