नई दिल्ली। डॉलर के मुकाबले कमजोर होते रुपये (Rupee weakening Dollar) का असर भारत के आयात-निर्यात (India’s import-export) पर देखने को मिल रही है। निर्यात बिल बढ़ने के कारण भारत का व्यापार घाटा (India’s trade deficit) बढ़ रहा है। जनवरी (बीते महीने) में भारत का निर्यात-आयात के बीच का अंतर 22.99 अरब डॉलर का रहा है, जो उससे एक महीने पहले (दिसंबर 2024में) 21.94 अरब डॉलर का रहा था। हालांकि, सालाना आधार पर देखा जाए तो व्यापार घाटा काफी बढ़ गया है। वहीं, देश में सोने का पिछले साल के मुकाबले आयात जनवरी में 40.79 प्रतिशत बढ़कर 2.68 अरब डॉलर रहा है।
सोमवार को वाणिज्य मंत्रालय की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक जनवरी में निर्यात 36.43 अरब डॉलर रहा, जो दिसंबर 2024 में 38.01 अरब डॉलर था, जबकि जनवरी में आयात 59.42 अरब डॉलर रहा जो दिसंबर में 59.95 अरब डॉलर रहा था।
अगर औसत तौर पर देखा जाए तो भारत के निर्यात में बढ़ोतरी हो रही है। वाणिज्य सचिव का कहना है कि अप्रैल-जनवरी के दौरान भारत निर्यात में 7.21 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। इस दौरान दौरान निर्यात में उससे पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 46 अरब डॉलर की वृद्धि दर्ज की गई है। चावल निर्यात में 44.61 प्रतिशत की प्रभावशाली बढ़ोतरी देखी गई, जिससे वैश्विक चावल व्यापार में भारत मजबूत हुआ।
सोने का आयात 40.79 प्रतिशत उछला
देश में सोने का पिछले साल के मुकाबले आयात जनवरी में 40.79 प्रतिशत बढ़कर 2.68 अरब डॉलर रहा है। मुख्य रूप से घरेलू मांग बढ़ने से सोने का आयात बढ़ा है। एक साल पहले जनवरी, 2024 में सोने का आयात 1.9 अरब डॉलर था। चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-जनवरी के दौरान सोने का आयात 32 प्रतिशत बढ़कर 50 अरब डॉलर रहा, जो बीते वित्त वर्ष की इसी अवधि में 37.85 अरब डॉलर था। आयात में वृद्धि एक सुरक्षित परिसंपत्ति के रूप में कीमती धातु में निवेशकों के मजबूत भरोसे का भी संकेत देती है।
रत्न,आभूषण, इलेक्ट्रॉनिक्स और फार्मास्यूटिकल्स का निर्यात बढ़ा
इसके अलावा रत्न और आभूषण निर्यात में जनवरी के अंदर 15.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जिससे पता चलता है कि भारत का कई क्षेत्रों में निर्यात तेजी से बढ़ रहा है। इलेक्ट्रॉनिक्स और फार्मास्यूटिकल्स के निर्यात में भी बढ़ोतरी देखने को मिली है। जनवरी में भारत का सोने का आयात घटकर 2.68 अरब डॉलर रह गया, जो पिछले महीने (दिसंबर 2024 में) 4.7 अरब डॉलर था, जबकि कच्चे तेल का आयात घटकर 13.4 अरब डॉलर रह गया, जो दिसंबर में 15.2 अरब डॉलर था।
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