- सर्वदलीय बैठक में सत्तापक्ष और विपक्ष तय करेंगे मसौदा
- राज्यपाल आनंदी बेन पटेल के अभिभाषण से पहले होगा अध्यक्ष का चुनाव
भोपाल। भले ही कोरोना संक्रमण की औसत दर लगातार कम होती जा रही है पर मध्य प्रदेश विधानसभा के प्रस्तावित बजट सत्र में विधायकों के अलावा अन्य व्यक्तियों का प्रवेश सीमित ही रहेगा। कलेक्टरों के माध्यम से उनके जिले के विधायकों की कोरोना संबंधी रिपोर्ट ली जाएगी। विधानसभा भवन और विश्रामगृह में भी जांच की सुविधा रहेगी। बजट सत्र का स्वरूप 15 फरवरी के बाद होने वाली सर्वदलीय बैठक में तय होगा। 22 फरवरी को सत्र के पहले दिन राज्यपाल का अभिभाषण होगा। हालांकि इसके पहले विधानसभा अध्यक्ष का निर्वाचन कराया जाएगा। यदि निर्विरोध निर्वाचन नहीं होता है तो फिर मतदान कराया जाएगा। बजट 26 फरवरी को प्रस्तुत किया जा सकता है। इस पर अंतिम निर्णय कैबिनेट बैठक में होगा।
सत्र में सावधानियां बरती जाएंगी
सूत्रों के मुताबिक कोरोना संक्रमण के मामलों में कमी आने के बाद भी बजट सत्र में सावधानियां बरती जाएंगी। सदन के भीतर विधायकों के बीच पर्याप्त शारीरिक दूरी बनाकर रखने के लिए बैठक व्यवस्था में परिवर्तन भी किया जा सकता है। अन्य दीर्घाओं के उपयोग का विकल्प भी रखा गया है। मास्क पहनना अनिवार्य होगा और विधायकों के सहायकों को परिसर में प्रवेश देने, विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक करने सहित व्यवस्थाओं को लेकर निर्णय आम सहमति से किया जाएगा। विधानसभा सचिवालय के अधिकारियों का कहना है कि बजट सत्र में शासकीय कार्य की अधिकता के कारण यह लंबा चलेगा। इसमें विभागवार अनुदान मांगें पारित होंगी। विधेयक भी प्रस्तुत होंगे और विभिन्न् समितियों के चुनाव भी कराए जाएंगे। इसे देखते हुए सत्र के स्वरूप को लेकर सर्वदलीय बैठक में निर्णय लिया जाएगा। बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और नेता प्रतिपक्ष कमल नाथ मुख्य रूप से मौजूद रहेंगे।
अध्यक्ष-उपाध्यक्ष के निर्वाचन पर भी हो सकती है चर्चा
बताया जा रहा है कि सर्वदलीय बैठक में विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के निर्वाचन को लेकर भी चर्चा हो सकती है। यदि सत्तारूढ़ दल उपाध्यक्ष का पद विपक्ष को देने के लिए सहमत नहीं होता है तो फिर अध्यक्ष का निर्विरोध निर्वाचन भी खटाई में पड़ सकता है। भाजपा कांग्रेस को यह पद देने के लिए तैयार नहीं है क्योंकि कांग्रेस सरकार में भाजपा को यह पद नहीं दिया था। दलीय स्थिति के हिसाब से चुनाव की स्थिति में दोनों पद भाजपा के पाले में ही जाएंगे। कांग्रेस को बसपा, सपा और निर्दलीय विधायक भी समर्थन कर देते हैं तो भी परिणाम प्रभावित नहीं होंगे। मतदान राज्यपाल के अभिभाषण से पहले कराया जाएगा क्योंकि निर्वाचित अध्यक्ष, सदन के नेता मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष के साथ द्वार पर राज्यपाल का अभिवादन करते हैं।
अध्यादेश के स्थान पर आएंगे ये संशोधन विधेयक
- सहकारी सोसाइटी संशोधन
- लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी संशोधन
- वैट संशोधन
- राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग संशोधन
- मध्य प्रदेश निजी विश्वविद्यालय द्वितीय संशोधन
- मध्य प्रदेश भोज (मुक्त) विश्वविद्यालय संशोधन
- डॉ. बीआर आंबेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय संशोधन
- पंडित एसएन शुक्ला विश्वविद्यालय संशोधन
- मध्य प्रदेश मोटर स्पिरिट उपकर संशोधन
- मध्य प्रदेश हाई स्पीड डीजल उपकर संशोधन
- मध्य प्रदेश विनियोग संशोधन
- धार्मिक स्वतंत्रता संशोधन