आचंलिक

खनिज माफियाओं की पकड़ हुई मजबूत, जोरों से चल रहा रेत उत्खनन

विदिशा। खनिज माफियाओं पर सबसे बड़ा संरक्षण नेताओं के साथ कुछ अफसरों का भी है। खनिज विभाग में बैठे अधिकारियों के बीच खनिज माफियाओं की इतनी पकड़ मजबूत हो चली है कि विभाग से निकलने वाली टीम के मौके पर पहुंचने से पहले ही खनिज का उत्खनन कर रहे।
खनिज माफिया सक्रिय हो जाते हैं और अपना सामान समेट लेते हैं। वहीं विभागों में भी खनिज माफियाओं के मुखबिर, दलाल और एजेंटों ने डेरा डाल रखा है। जो विभाग में होने वाली पल-पल की खबर माफियाओं तक पहुंचा देते हैं। वहीं कुछ जगहों पर होने वाली कार्यवाही में दलाल में सांठ गांठ कर मामले का तोड़ भी करा देते हैँ। जिला खनिज अधिकारी एमएस रावत का विदिशा में लंबा कार्यकाल हो चुका है। ग्रामीणों ने उनके तबादले की मांग भी की है। रेत के उत्खनन से ग्रामीण और किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। नटेरन, कुरवाई और सिरोंज में बड़े पैमाने पर नदियों से रेत का खनन किया जा रहा है। पिछले करीब एक पखवाड़े से इन तहसीलों में नदियों से रेत का उत्खनन कर परिवहन किया जा रहा है। इस बात की खबर तहसील के अधिकारियों से लेकर जिला मुख्यालय पर बैठे आला अफसरों को है। लेकिन अधिकारी कार्यवाही नहीं कर रहे हैं। बताया कि नटेरन तहसील के मिंयाखेड़ी गांव में लोकेश रघुवंशी नेताओं की शह पर पिछले एक पखवाड़े से नदी से रेत निकालने का काम कर रहा है। कई बार अखबार में सुर्खियां बनने के बाद भी ना तो यहां पर रेत निकलना बंद हुआ और ना ही यहां पर कार्यवाही हुई है। बताया गया कि नटेरन के चौराहे से मिंयाखेड़ी की तरफ जाने वाले रास्तेे पर ही काली रेत का स्टाक है। वहीं मिंयाखेड़ी में रोजाना 50 से ज्यादा ट्राली रेत निकाली जा रही है। पनडुब्बी, जेसीबी और पोकलेन मशीन के जरिए रेत निकालकर ट्रालियों में भरकर भेजी जा रही है। मौके पर ट्राली को भरने के लिए एक मोटी रकम दी जाती है।


वहीं नदी की कुछ दूरी पर रेत का स्टाक भी किया जा रह है। इसी तरह मिंयाखेड़ी से दूसरी तरफ जाने वाले रास्ते पर भी एक नई पनडुब्बी से रेत निकालने की तैयारियां दो दिन पहले शुरू हो गई थीं। यहां पर जेसीबी, पनडुब्बी, मोटरवोट और रेत निकालने के अन्य सामान को नदी किनारे पर लाकर रख दिया है। यहां से भी रेत निकालने की पूरी तैयारी कर ली गई है। बासौदा के किसी व्यक्ति ने यहां से रेत निकालना शुरू भी कर दिया है। बताया गया कि दिन में नदी किनारे रेत का स्टाक किया जाता है और रात दो बजे के बाद रेत का परिवहन शुरू होता है। कई कॉलोनियों में इन दिनों मकानों का निर्माण हो रहा है। जिसके चलते बड़े पैमाने पर रेत स्टाक किया जा रहा है। इसी तरह कुरवाई में नेताओं के संरक्षण में आधा दर्जन जगहों से रेत का कारोबार हो रहा है। करोड़ों रूपए के इस कारोबार में कई नेताओं की खनिज माफियाओं से सांठ गांठ होने के चलते कार्यावाही नहीं हो रही है। कुछ दिन पहले एक पनडुब्बी को आग के हवाले किया गया था।

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