- मियाद खत्म होने के एक माह बाद भी नहीं लौटे वापस
जबलपुर। नेताजी सुभाषचंद्र बोस केन्द्रीय कारागार जबलपुर में हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे दो सजायाफ्ता बंदी पैरोल पर गये और फिर लौटकर वापस नहीं आये। 20 सितंबर को उक्त दोनों बंदियों की जेल वापसी की मियाद थी, लेकिन उक्त समयावधि समाप्त होने के बावजूद भी जब वह वापस नहीं आये तो जेल प्रशासन ने मामले की शिकायत सिविल लाईन थाने में दर्ज करायी। पुलिस से प्राप्त जानकारी अनुसार सिवनी जिला अंतर्गत किंदरई थाना ग्राम पनवास निवासी मेहंत लाल पिता अनंत सिंह को हत्या के मामले में वर्ष 2014 में आजीवन कारावास की सजा अदालत द्धारा दी गई थी।
जिसके बाद उसे पूर्व में पैरोल पर रिहा किया गया और वह निर्धारित समय में जेल वापस भी आ गया, कोरोना काल में दी जाने वाली पैरोल में मेहंत लाल को पैरोल पर छोड़ा गया, जिसे 20 सितंबर तक वापस आना था, लेकिन वह वापस नहीं आया। उसे अतर सिंह की जमानत पर पैरोल पर छोड़ा गया था। इसी प्रकार हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे बालाघाट भरवेली निवासी धर्मेन्द्र पिता हरीशचंद्र को भी पैरोल पर छोड़ा गया था, लेकिन वह भी लौटकर वापस जेल नहीं आया। उक्त दोनों बंदी पैरोल अवधि में फरार हो गये। धर्मेन्द्र की जमानत सेवकराम ने ली थी। जेल प्रबंधन ने बंदियों की तलाश व जमानतदारों पर कार्रवाई को लेकर पुलिस में शिकायत दर्ज करायी है।
एक माह बाद शिकायत दर्ज कराने पर उठ रहे सवाल
फरार हुए दोनों बंदियों की पैरोल अवधि 20 सितंबर 2021 को समाप्त हो गई थी, लेकिन इसके बावजूद भी जेल प्रशासन उनकी राह ताकता रहा और एक माह बीत जाने के बाद मामले की शिकायत गत् दिवस सिविल लाईन थाने में दर्ज करायी गई। जिसकों लेकर तरह-तरह के सवाल खड़े हो रहे है।