इंदौर न्यूज़ (Indore News)

छह बच्चों की मां पड़ी शादी के झांसे में, लडक़ी ने भागकर रचाया ब्याह

  • ‘कहानी फिल्मी है…’ रिपोर्ट लिखाकर मुकरे फरियादी
  • शादी नहीं की तो मर जाऊंगा…कहकर बनाए शारीरिक संबंध…

इंदौर। रेप के एक मामले में छह बच्चों की मां शादी के झांसे में आ गई और दूसरे केस में लडक़ी ने लडक़े के साथ भागकर शादी तक कर ली और बलात्कार का मुकदमा दर्ज होने के बाद कोर्ट में नई ‘कहानी’ सुनाकर मुलजिमों को जेल जाने से बचा लिया।
‘बलात्कार’ जैसे घिनौने अपराध में किस तरह की रिपोर्ट लिखाई जाती है, फिर कोर्ट में कैसे फरियादी अपनी ही बात से मुकर जाते हैं, इसके जीते-जागते दो मामले सामने आए हैं। इन्हें देखकर ही मुंह से बोल फूट पड़ेंगे कि ‘कहानी फिल्मी है’।
फरियादी महिला ने 17 मई 2022 को महिला थाने में शिकायत की थी कि मुलजिम गोकुल तायड़े निवासी आदर्श बिजासन नगर, परदेशीपुरा उसके यहां डेढ़ साल से कचरे की गाड़ी लेकर आता था। इस कारण उसकी पहचान थी। 15 अप्रैल 2021 को गोकुल उसे पटेल नगर, परदेशीपुरा में एक दोस्त के यहां ले गया, जहां उससे प्यार का इजहार करते हुए शादी करने की मंशा जताई।

फरियादी ने कहा कि ‘वह छह बच्चों की मां है और 12 साल से अपने पति से अलग रह रही है। अब वह शादी नहीं कर सकती है’। तब गोकुल ने कहा कि वह उससे शादी नहीं करेगी तो मर जाएगा। इस पर फरियादी उसके झांसे में आ गई और मुलजिम ने उससे शारीरिक संबंध बनाए। इसके बाद विजय नगर की होटल में बुलाकर भी बलात्कार किया। जब उसने गोकुल से शादी करने को कहा तो इस साल 3 मार्च को कोर्ट आने को कहा, लेकिन खुद नहीं पहुंचा। 17 मई को जब उसने शादी करने को कहा तो गोकुल ने मना कर दिया एवं उसके भाई राहुल व मां कमलाबाई ने उससे मारपीट कर गालियां दीं। इस पर उसने तीनों के खिलाफ केस दर्ज कराया था। केस दर्ज होने के पांच माह के भीतर ही कहानी में नया ‘ट्विस्ट’ आ गया। कोर्ट में केस चलने पर फरियादी ने बलात्कार की बात को नकार दिया और कहा कि कचरे की बात पर उसका गोकुल से विवाद हो गया था। गोकुल ने देख लेने की धमकी दी थी, जिसकी उसने थाने में रिपोर्ट लिखाई थी। पुलिस ने क्या लिखा उसे नहीं पता। उसने खोटा काम होने की घटना से भी इनकार किया। जज चारूलता दांगी ने गोकुल को बलात्कार व उसके भाई एवं मां को मारपीट तथा गालियां देने के इल्जाम से बरी कर दिया।


डीएनए टेस्ट से साबित हुआ- बच्चे का पिता है मुलजिम
दूसरा मामला भी किसी फिल्म की पटकथा से कम नहीं है। दरअसल 16 मई 2018 को ग्राम बावलिया में रहने वाले एक व्यक्ति ने खुड़ैल थाने में रिपोर्ट लिखाई थी कि उसकी 17 साल की बेटी शाम को पानी भरने तालाब पर गई थी, लेकिन लौटी नहीं। उसने देवास जिले के फूलसिंह (परिवर्तित नाम) पर शक जताया था कि वह उसकी बेटी को बहला-फुसलाकर भगा ले गया है, जो उनके घर अक्सर आया-जाया करता था। पुलिस ने अपहरण व बलात्कार की धाराओं में केस दर्ज कर फूलसिंह को गिरफ्तार किया था। मामला कोर्ट में चला तो कहानी में नया ‘ट्विस्ट’ आ गया। पीडि़त लडक़ी मुलजिम से शादी रचा चुकी थी और उसका एक बेटा भी था।

कोर्ट में केस चलने पर लडक़ी व उसके पिता ने लडक़ी की उम्र 20 साल बताई और कहा कि लडक़ी ने 18 साल की होने पर मुलजिम से शादी की थी। लडक़ी का कहना था कि घटना वाले दिन उसके माता-पिता ने डांटा तो वह मामा के घर चली गई और आठ महीने वहां रही। फिर उसने बालिग होने पर मर्जी से मुलजिम से शादी कर ली थी। मुलजिम ने उससे कभी जबरदस्ती नहीं की। सरकारी डॉक्टर ने भी कोर्ट को बताया कि डीएनए टेस्ट में बच्चे का जैविक पिता कोर्ट में मौजूद मुलजिम ही है। जब पुलिस लडक़ी को चेकअप के लिए लाई थी, तब वह 30-32 सप्ताह से गर्भवती थी। चूंकि लडक़ी व उसके पिता ने ही मान लिया कि लडक़ी ने 18 साल की होने के बाद शादी की थी, ऐसे में लडक़ी के ‘बालिग’ होने से जबरदस्ती साबित नहीं हो सकी। लिहाजा जज सुरेखा मिश्रा ने मुलजिम को बरी करने का फैसला सुनाया।

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