डिंडौरी। छत्तीसगढ़ से सटे मध्य प्रदेश(Madhya Pradesh) के आदिवासी जिलों (Tribal Districts) में अब नक्सलियों की आहट(Naxalites Sound) फिर सुनाई देने लगे हैं. बताया जा रहा है कि प्रदेश के बालाघाट और मंडला जिले में पिछले कई दिनों से नक्सलियों के मूवमेंट(Naxalite Movement) की खबरें सामने आ रही है. जबकि तीन दिन पहले ही बालाघाट में नक्सलियों ने एक युवक को मुखबिरी के शक में मार दिया था. अब एमपी के एक और जिले को नक्सल प्रभावित जिलों की सूची में जोड़ा गया है.
बालाघाट और मंडला जिले के बाद डिंडौरी जिले के तीन थानों को फिर से नक्सल प्रभावित घोषित(Three police stations of Dindori district declared Naxal affected again) किया गया है. डिंडौरी के समनापुर, बजाग और करंजिया थाना के साथ ही अमरपुर और गोपालपुर पुलिस चौकी क्षेत्र को नक्सल प्रभावित क्षेत्रों की सूची में जोड़ा गया था.
तीन थानों को नक्सली प्रभावित घोषित होने के बाद बालाघाट और मंडला जिले के बाद प्रदेश में डिंडौरी तीसरा जिला होगा जहां पर नक्सली गतिविधियों की जानकारी मिली है. दरअसल, डिंडौरी जिले की सीमा बालाघाट और मंडला जिले से लगी हुई है और दोनों जिलों की पुलिस जब नक्सली मूवमेंट पर दबाव बनाती है, तो नक्सली डिंडौरी जिले जंगलों में शरण लेने पहुंचते हैं. पिछले कई दिनों से पुलिस को जानकारी मिल रही थी कि नक्सली डिंडौरी जिले में मूवमेंट कर रहे हैं.
डिंडौरी जिले के पुलिस अधीक्षक संजय सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्र के लिये मास्टर प्लान तैयार किया गया है, जिसके तहत सुरक्षा के लिए चौरा दादर, गौरा कंहारी, और चाडा गांव में पुलिस चौकी खोली जाएगी. सड़कों और मोबाइल कम्युनिकेशन के लिए जिला प्रशासन के साथ मिल कर क्षेत्र के विकास कार्य विशेष योजना के अंतर्गत किये जाएगे. उन्होंने कहा कि पुलिस ने पूरी तैयारी कर रखी है और सर्चिंग भी शुरू कर दी गई है.
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