भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

निमाड़ में नेता, अफसर और माफिया का गठजोड़ साफ कर रहा जंगल

  • आदिवासी नेत्र माधुरी बने का वन अफसरों पर बड़ा आरोप

भोपाल। प्रदेश के निमाड़ क्षेत्र के जिलों में वन माफिया ने हजारों हेक्टेयर जंगल को पूरी तरह से साफ कर दिया है। खास बात यह है कि जंगलों में कटाई उन क्षेत्रों में की गई है, जेा आदिवासी क्षेत्र है। जंगलों की कटाई को लेकर आदिवासी नेत्री माधुरी बेन ने वन अफसरों पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि अफसरों ने आंख मूंद ली है। खंडवा जिले के सीसीएफ आरपी राय जंगल बचाने को गंभीर ही नहीं है। वे उपलब्ध ही नहीं होते हैं। साथ ही उन्होंने बुरहानपुर एसपी राहुल लोढ़ा पर भी आरोप लगाए हैं। निमाड़ क्षेत्र के खंडवा, बुरहानपुर, बड़वानी और खरगोन जिले में सागौन के जंगलों को अक्टूबर से साफ किया जा रहा है। माधुरी बेन के अनुसार अक्टूबर में वन विभाग ने माना था कि 80 लोग कटाई कर रहे हैं। जो आज बढ़कर 500 से ज्यादा हो गए हैं। उन्होंने कहा कि वन विभाग के अफसरों को लिखकर दिया था कि वन विभाग के कौन-कौन से अफसर जंगल को कटवा रहे हैं, उन पर कार्रवाई तो दूर उन्हे हटाया तक नहीं गया है। माधुरी बेन ने बुरहानपुर एसपी राहुल लोढ़ा पर आरोप लगाते हुए कहा कि 2020 के विधानसभा उपचुनाव के दौरान जब जंगल कटने की बात कही थी, तब उन्होंने कहा था कि बाद में अतिक्रमण हटा देंगे। उपचुनाव तक पुलिस और वन विभाग ने जंगल को कटने तक रोका तक नहीं गया।



वन मंत्री भी नहीं रोक पाए कटाई
दरअसल प्रदेश के वन मंत्री विजय शाह खंडवा से हैं। बुरहानपुर का वह क्षेत्र जहां कटाई हो रही है वह खंडवा से लगा है। इसके बावजूद भी वन मंत्री भी अपने क्षेत्र के जंगलों केा नहीं बचा पा रहे हैं। जबकि वे खुद आदिवासी हैं। हालांकि जंगलों की कटाई के मामले में वन मंत्री भी असहाय दिख रहे हैं। उन्होंने इसकी सूचना मुख्यमंत्री को देने की बात कही है,लेकिन जंगल की कटाई क्यों नहीं रुक पा रही है। इस पर वे नहीं बोले हैं। वहीं उधर खंडवा सीसीफ आरपी राय ने बुरहानपुर में अतिक्रमण कारी क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ाने के लिए खंडवा से ही वन रक्षकों की फौज भेजी है। साथ ही खंडवा की गुढ़ी क्षेत्र में भी अतिक्रमण रोकने के लिए वन रक्षक भेजे हैं। वन रक्षकों की 12 घंटे की ड्यूटी करने का आदेश जारी किया गया है। यहां बता दें कि खंडवा सीसीएफ इससे पहले होशंगाबाद सीसीएफ थे।

आदिवासियों के नाम पर माफिया काट रहा
दरअसल, वन अफसरों ने अप्रत्यक्ष रूप से माधुरी बेन पर भी जंगल कटवाने के आरोप लगाए हैं। जिसके जवाब में माधुरी बेन ने कहा कि वे जंगल बचाने के लिए आंदोलन करती हैं। वन विभाग सालों से जमे आदिवासियों को प्रताडि़त करता है। उनकी महिलाओं को उठाकर ले जाया जाता है। इसके विरोध में वे आवाज उठाती है। जंगल कटवाने में शासन और प्रशासन की भ्ूामिका है। माफिया को पनवाया जा रहा है। यदि जंगल साफ हो गया तो फिर कोई न कोई उस भूमि पर अतिक्रमण करेगा ही।

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