बड़ी खबर

पानी बचाने का जुनून ऐसा कि एक अकेले बंदे ने खोद डाला तालाब


रांची । झारखंड (Jharkhand) के देवघर निवासी (Resident of Deoghar) समीर अंसारी (Sameer Ansari) पर पानी बचाने का जुनून (The Passion to Save Water) ऐसा सवार हुआ कि पांच साल में (In Five Years) अकेले दम पर (Alone) एक बड़ा तालाब खोद डाला (Dug a Big Pond) ।


जलसंकट पर अखबार में 18 साल पहले छपी एक खबर ने झारखंड के देवघर निवासी समीर अंसारी के जेहन में हलचल मचा दी। उन्होंने कसम खायी कि वह बूंद-बूंद पानी बचायेंगे और अपना पूरा जीवन इसी संकल्प को समर्पित कर देंगे। तब से यह जुनून पल भर को भी उनके सिर से नहीं उतरता। उन्होंने पिछले पांच साल में एक अकेले दम पर कुदाल-फावड़ा-बेलचा लेकर अपने शहर में एक बड़ा तालाब खोद डाला है। तय किया है कि तालाब की गहराई जब तक बीस फीट नहीं पहुंच जाती, वह खुदाई जारी रखेंगे। उनके इस जुनून की गूंज अब दूर तक है। बीते 30 मार्च को उन्हें केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में जल प्रहरी सम्मान से नवाजा है।

समीर अंसारी ने बताया कि बूंद-बूंद जल सहेजने का संकल्प लेने के बाद उन्होंने इसकी शुरूआत सबसे पहले अपने घर से की। नल से बेकार बह जाने वाले पानी के लिए खुद से एक वाटर रिचार्ज पिट बनाया। छत से गिरने वाले बारिश के पानी को भी इस रिचार्ज पिट में पहुंचाने का इंतजाम किया। फिर वह ‘पानी बचाओ’ की अपील वाली तख्ती लेकर गांव-गांव घूमने लगे। झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश के सैकड़ों गांवों में अकेले गये। लोगों से अपील की- आने वाली नस्लों के लिए पानी बचाइए। किसी ने उनकी बात गौर से सुनी, तो किसी ने हंसी-मजाक में उड़ा दी।

अपने शहर देवघर से गुजरने वाली डढ़वा नदी की गंदगी और दुर्दशा उन्हें बहुत परेशान करती थी। नदी में लोगों को गंदगी फेंकते और फिर उसी पानी का उपयोग करते देखते तो बड़ी तकलीफ होती थी। लोगों को समझाने की कोशिश की तो उल्टे झिड़की और उलाहना मिली। किसी ने कहा-हमलोगों से दिक्कत है तो अपने लिए कहीं और नदी-तालाब ढूंढ़ लो। यह बात फिर समीर अंसारी के दिल को चुभ गयी। उन्होंने उसी क्षण डढ़वा नदी के पास ही एक तालाब खोदने का फैसला कर लिया। लेकिन नदी के पास जो खाली जमीन थी, उसपर दबंगों ने अतिक्रमण और कब्जा कर रखा था। समीर अंसारी ने जिला प्रशासन से गुहार लगायी। जमीन अवैध कब्जे से मुक्त करायी गयी।

इसके बाद समीर अकेले यहां तालाब खोदने में जुट गये। रोज सुबह पांच बजे उठते और फावड़ा-कुदाल लेकर पहुंच जाते। शाम ढलने तक अकेले खुदाई जारी रखते। घर के लोग दोपहर में वहीं खाना-पानी पहुंचा जाते। घर में मां, बीवी, दो बच्चे हैं। शुरूआत में सबने कहा- पूरे दिन यही करोगे तो घर-परिवार की रोजी-रोटी कैसे चलेगी? समीर अंसारी बताते हैं कि उन्होंने यह सब ऊपर वाले पर छोड़ दिया। घर में मां के नाम पर राशन कार्ड है। अनाज मिल जाता है। घर के छोटे-मोटे काम से थोड़ी नगदी आ जाती है। ससुराल के लोग भी कुछ मदद कर देते हैं। गुजारा हो जाता है बस।

समीर का कहना है कि थोड़ी-बहुत परेशानी है भी तो उनकी तुलना में तालाब-बांध बनाने और पानी बचाने का यह काम बहुत बड़ा है। उन्हें संतोष है कि वह अपना जीवन इस पवित्र काम में लगा रहे हैं। वह कुरान शरीफ के हदीस का हवाला देते हुए कहते हैं कि अल्लाह ने भी पानी को बड़ी नेमत बताया है। समीर अंसारी बताते हैं कि उन्होंने जब अकेले तालाब खोदने का काम शुरू किया तो शहर-गांव के लोगों ने उन्हें पागल कहा। लोग हंसते थे। उन्होंने किसी की परवाह नहीं की। वह पांच साल की मेहनत का तब नतीजा सामने आया, जब पिछले साल मॉनसून में उनके बनाये तालाब-बांध में पानी जमा हुआ। आस-पास के लोगों ने मवेशियों को पानी पिलाने से लेकर दूसरे काम में इस तालाब के पानी का उपयोग करना शुरू हुआ। उन्हें उम्मीद है कि इस मॉनसून में तालाब में भरपूर जल इकट्ठा होगा।

वह बताते हैं कि घर-परिवार के लोगों के बाद उनके एक मित्र अजीम अंसारी ने उनका बहुत हौसला बढ़ाया। हमेशा हिम्मत देते रहे। अब तो कई लोग उनके जुनून और उनकी बातों पर यकीन करते हैं। बीते 30 मार्च को वह दिल्ली में जल प्रहरी का सम्मान लेने गये तो उनके साथ उनके मित्र अजीम अंसारी भी थे। अजीम कहते हैं, ‘समीर भाई अपने काम से पानी बचाने का जो पैगाम दे रहे हैं, उसे अगर कुछ लोग भी अपनी जिंदगी में सबक ले लें तो बेशक यही सबसे बड़ी कामयाबी होगी।’

Share:

Next Post

पाक में आज के उलटफेर से सेना ने बनाई दूरी, बताया- राजनीतिक प्रक्रिया, उधर सुप्रीम कोर्ट ने गठित की स्पेशल बेंच

Sun Apr 3 , 2022
इस्लामाबाद । पाकिस्तान में (In Pakistan) आज के उलटफेर से (Today’s Reversal) सेना ने यह कहते हुए दूरी बनाई (Army Made Distance) कि यह एक राजनीतिक प्रक्रिया है (This is a Political Process) । उधर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने स्पेशल बेंच का गठन कर दिया है (Constituted Special Bench) । पाकिस्तान की नेशनल असेंबली […]