नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि सरकार पर साठगांठ वाले पूंजीवाद का आरोप लगाना बेबुनियाद है। गांवों में सड़कों का निर्माण, हर गांव में बिजली, छोटे किसानों के खातों में पैसा डालने जैसी योजनाएं गरीबों के लिए है न कि पूंजीपतियों के लिए।
वित्त मंत्री ने कहा कि बजट में किये गये प्रावधान आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा देने के लिए है। उन्होनें कहा कि बजट में तात्कालिक सहायता के साथ-साथ मध्यम और दीर्घ अवधि में सतत आर्थिक वृद्धि बनाए रखने पर ध्यान दिया गया है।
निर्मला सीतारमण ने कहा कि आम आदमी की भलाई के लिए हमारी सरकार की योजनाओं के बावजूद विपक्ष एक झूठी कहानी बना रहा है कि सरकार ताकतवर पूंजीपतियों के लिए काम कर रही है। उन्होनें कहा कि बजट में किये गये प्रोत्साहन प्रावधान आर्थिक पुनरूद्धार के लिये, महामारी के दौरान किये गये सुधार वृद्धि को पटरी पर लाने के लिए किए गए।
सीतामरण ने कहा कि बजट की विशेषताएं हैं अवसंरचना निर्माण, निरंतर सुधार, खातों में पारदर्शिता है। वित्त मंत्री ने कहा कि पश्चिम बंगाल की तरफ से छोटे एवं सीमांत किसानों की सूची नहीं देने से पीएम किसान सम्मान निधि के तहत 2021-22 के लिये आबंटन 10,000 करोड़ रुपये कम किया गया है। मनरेगा के तहत आबंटित कोष का उपयोग हमारी सरकार में बढ़ा है।
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