नई दिल्ली। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने आज दिल्ली में निर्माणाधीन नये मध्यप्रदेश भवन (New Madhya Pradesh Bhawan) का निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिये कि नये भवन में राज्य के वैभव के दिग्दर्शन के प्रयास होना चाहिये। उन्होंने कहा कि नये भवन में आधुनिक सुविधाओं के साथ मध्यप्रदेश के जीवन मूल्यों, परम्पराओं, आस्थाओं, स्थापत्य कला, प्राकृतिक सुदंरता और महापुरूषों के आदर्शों की जानकारी मिलनी चाहिये।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिये कि मध्यप्रदेश की परम्पराओं और आस्थाओं को समाहित करते हुए महाकालेश्वर और ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग, अमरकंटक, मितावली मंदिर, संदीपनि आश्रम और ओरछा के राम राजा मंदिर के साथ साँची, खजुराहो, असीरगढ़ और मांडू की स्थापत्य कला का किसी न किसी रूप में नवीन भवन में समावेश होना चाहिये। रधुनाथ शाह, शंकरशाह, टंट्याभील, भीमा नायक और रानी लक्ष्मी बाई जैसे प्रदेश के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और क्रांतिकारियों के आदर्शां की झलक भी नये भवन में दिखनी चाहिये। भवन की लेंडस्केपिंग में प्रदेश के राष्ट्रीय उद्यानों की प्राकृतिक सुंदरता और जनजातीय कला सम्मिलित होनी चाहिये।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि नये भवन में ऐसी व्यवस्थाएँ हो, जिसमें शासकीय बैठकें और बिजनेस मीट जैसे कार्यक्रम किये जा सके। इन कार्यक्रमों के लिए अलग से किराये के स्थान की आवश्यकता न पडे़। उन्होंने कहा कि भवन में एक ओर मध्यप्रदेश की संस्कृति की झलक और दूसरी ओर शासकीय कार्यों को संचालित करने की सुगमता का मेल हो।
एनबीसीसी के वरिष्ठ अधिकारियों ने मुख्यमंत्री श्री चौहान को निर्माणाधीन मध्यप्रदेश भवन की कार्य प्रगति से अवगत कराते हुए ड्राइंग के माध्यम से प्रस्तुति दी और मुख्यमंत्री से आवश्यक निर्देश प्राप्त किये। आवासीय आयुक्त, अपर आवासीय आयुक्त और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।