भारत चौथी अर्थव्यवस्था तो पाकिस्तान में नर्क अवस्था…
मोदीजी मजलूमों पर तरस खाओ… उन पर दया दिखाओ… आप उन्हें अपनी रोटी खाने के लिए कहते हैं, पर उनके देश में तो रोटी भी कहां मिलती है… इसलिए आप तो उन्हें गोली ही दे दो… अपना मुल्क बनाने की ख्वाहिशें पाले भारत से अलग हुए पाकिस्तान में हर नाकाम मंसूबे इस कदर पालते हैं कि उनका ताल्लुक खाने से नहीं, छीनने से रह गया है…सुकून से नहीं, खून से रह गया है…हुकूमत से नहीं, गुरबत से रह गया… कमाने से नहीं, मांगने से रह गया है…सारी दुनिया उन्हें लताड़ती है… आतंकी देश कहकर पुकारती है… जिस देश में इस्लाम तमाम हो जाए… जिस देश में इस्लाम को आतंक के कपड़े पहनाए जाएं… जहां लोगों को बचाने के लिए कुरआन में दी गई जिहाद की शिक्षा को बेकसूरों को मारने… खून बहाने… कत्लेआम मचाने के काम में लाया जाए… उस देश की अवाम मुर्दा हो चुके पाकिस्तान में यदि जिंदाबाद के नारे भी लगाए तो उनके अपने दामन पर भूख…खून…जिल्लत…किल्लत… जलालत के दाग-साफ नजर आएं… जिस पाकिस्तान की अवाम खुद बंधुआ बनकर सिसक रही हो… जिस देश में लोकतंत्र को सेना के पैरों में कुचला जाता हो…जहां वोट से नहीं संगीनों से सरकार को चुना जाता हो…जहां हुकूमतें तानाशाह के इशारों पर चलती हों… जहां सेना की मुखालफत करने वाले नेताओं को केवल मौत मिलती हो… जहां बेनजीर मारी जाती हो और बेशर्म शोहर जरदारी द्वारा सरकार चलाई जाती हो… नामाकुल बेटे बिलावल द्वारा सेना की जी-हुजूरी की जाती है…जो सेना नवाज शरीफ को देश से निकालती है…उसके भाई शहबाज द्वारा सेना की गुलामी की जाती है…जो इमरान अवाम की पसंद बनते हैं, उन्हें सींखचों में कैद किया जाता हैं…वहां बेचारी अवाम अपने भविष्य के बारे में कैसे सोचेगी…और सोचेगी भी तो उन्हें अपने बच्चों के भविष्य खून में डूबे मिलेंगे… मोदीजी युवाओं को सडक़ पर आने…देश संभालने…मुल्क बचाने की सलाह देते हैं, लेकिन हकीकत तो यह है कि उनकी सरकार…उनकी सेना…उनके मुल्ला-मौलवी उन्हें नफरत का पाठ पढ़ा रहे हैं…जिहाद की तहजीब सिखा रहे हैं…मरने-मारने के मंसूबों को जेहन में डाल रहे हैं… वो विकास की राह पर नहीं, विनाश की राह पर चले जा रहे हैं और मौत की मंजिलें पा रहे हैं…उनकी इस कमजोरी को चीन-अमेरिका अपनी ताकत बना रहे हैं… हम दुनिया की चौथी अर्थव्यवस्था बने जा रहे हैं तो वो दुनिया की पहली नर्क अवस्था में डूबे नजर आ रहे हैं…उनके लिए तो कब्रिस्तान बनाएं और जब आंख दिखाएं तो दफनाकर रहम खाएं…