इंदौर न्यूज़ (Indore News)

देवी अहिल्या की साधारण सभा में भूखंडों की लूट पर मचेगा हंगामा

  • संस्था अध्यक्ष पर ही लगे हैं गंभीर आरोप, बैठक आयोजित कर सभी रजिस्ट्रियों को मान्य करने करवाने का भी खेल शुरू, अन्य संस्थाओं की साधारण सभाएं भी जल्द आयोजित

इंदौर। देवी अहिल्या श्रमिक कामगार सहकारी संस्था की साधारण सभा 28 सितम्बर बुधवार को बुलाई गई है। पहले यह सभा अयोध्यापुरी कालोनी के बगीचे में ही आयोजित की जाना थी। मगर बारिश के मद्देनजर अब इसका स्थान परिवर्तित कर रवींद्र नाट्य गृह कर दिया है।

इस साधारण सभा में संस्था द्वारा निर्मित कालोनी अयोध्यापुरी के साथ-साथ श्रीमहालक्ष्मी नगर, अशोक नगर औऱ योजना 114 में समाविष्ट महाराजा अग्रसेन नगर की उपविधि और सुप्रीम कोर्ट द्वारा वरीयता सूची के संबंध में दिए गए आदेश के पालन पर चर्चा होगी। मगर सबसे ज्यादा हंगामा अयोध्यापुरी को लेकर मचेगा, जहां पर कुछ अपात्रों ने भूखंड कबाड़ लिए हैं, जिसमें संस्था के अध्यक्ष भी शामिल हैं, जिन्होंने खुद और अपने परिवार के नाम पर भूखंड हड़प रखे हैं। इस आमसभा से पहले कल प्रेस कॉम्प्लेक्स में एक मीटिंग बुलाई गई, जिसमें कुछ सदस्य शामिल भी हुए और उन सदस्यों से कहा गया कि पूर्व में प्रशासक द्वारा जो रजिस्ट्रियां की गर्इं, उन्हें मान्य करने का प्रस्ताव पारित करवाया जाए, ताकि अपात्रों को मिले भूखंड यथावत रहें।


इस साधारण सभा में श्रीमहालक्ष्मी नगर, जिसमें सदस्यों की संख्या 3819 हैं, के अलावा अशोक नगर, जहां 729 और महाराजा अग्रसेन नगर में से 120 के स्थान पर सदस्य संख्या 5080 तक पहुंच गई है, के संबंध में सदस्य संख्या को संशोधित करने और प्रति सदस्य 500 रुपए के मान से अंश पूंजी को साढ़े 25 लाख तक किया जाना है। संस्था के ऑडिट के लिए ऑडिटरों की नियुक्ति पर विचार किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि देवी अहिल्या श्रमिक कामगार की चर्चित संस्था अयोध्यापुरी भी भूमाफियाओं के कब्जे में वर्षों तक रही, लेकिन अब नगर निगम द्वारा अवैध से वैध करने की प्रक्रिया में भी अयोध्यापुरी को शामिल कर लिया है। मगर साधारण सभा में इस बात को लेकर हंगामा मचेगा कि भूमाफियाओं से तो कालोनी को मुक्त करवा लिया, मगर वर्तमान अध्यक्ष विमल अजमेरा सहित अन्य ने कई भूखंड हड़प लिए।

लगभग 50 से अधिक बोगस सदस्यों की सूची सहकारिता विभाग को सौंपी है, जिसके चलते संयुक्त आयुक्त ने अध्यक्ष विमल अजमेरा को पत्र लिखते हुए एक ही परिवार, नाबालिग और कार्य क्षेत्र के बाहर के निवासियों को आवंटित पंजीकृत भूखंड या प्रशासक द्वारा की गई रजिस्ट्रियों पर कार्रवाई करने को कहा है। मजे की बात यह है कि अध्यक्ष की खुद की सदस्यता 2001 में ही समाप्त हो गई और बाद की ऑडिट रिपोर्ट में भी कोई सदस्यता नहीं लेना पाया गया। लिहाजा अधिकांश सदस्यों की मांग है कि संस्था अध्यक्ष की सदस्यता की जांच करते हुए उनके द्वारा हड़पे भूखंडों को सरेंडर करवाया जाए और सदस्यों की सहमति से नया चुनाव करवाकर नवीन अध्यक्ष की नियुक्ति की जाए। वर्तमान में 369 भूखंडों के कब्जे दिए हैं, जिनमें से 25 लोग ऐसे हैं जिन्होंने गलत तरीके से कब्जे हासिल कर लिए और इनके बदले 25 पात्र लोग भूखंड के इंतजार में बैठे हैं। अब ऐसे ही अपात्रों द्वारा साधारण सभा के पहले मीटिंग बुलाकर कुछ सदस्यों को बरगलाने के प्रयास भी किए गए और उनक पर यह दबाव-प्रभाव भी बनाया गया कि वे साधारण सभा में पूर्व में हुई रजिस्ट्रियों को भी मान्य कर लें। कुल मिलाकर बुधवार को होने वाली संस्था की यह सभा हंगामेदार रहेगी, वहीं नवभारत और श्री कर्मचारीगण गृह निर्माण व अन्य संस्थाओं पर भी चर्चा की जाएगी।

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